Ajay Rai Varanasi : अजय राय कांग्रेस पहले की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चे में डटे हैं. आइए जानते हैं कि अजय राय का सोशल स्कोर क्या है.
Trending Photos
Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे देश में रोमांच बना हुआ है. सियासी पार्टियों के नेता घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं. लेकिन जिन वोटर्स तक नेता नहीं पहुंच पा रहे हैं उन लोगों तक सोशल मीडिया के जरिए पहुंचा जा रहा है. इन दिनों सोशल मीडिया चुनाव प्रचार का बेहतरीन मीडियम बन गया है. इस बीच, 'ज़ी न्यूज़' ने चुनाव लड़ रहे नेताओं का सोशल स्कोर निकाला है. इसे लीडर सोशल स्कोर (LSS) कहते हैं. इस खबर में यूपी की वीवीआईपी सीट वाराणसी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय का लीडर सोशल स्कोर जानते हैं.
अजय राय
कांग्रेस पार्टी ने 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले पूर्व मंत्री अजय राय को पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था. तब अजय राय को 130 पदाधिकारियों की टीम मिली थी. अजय राय के ट्विटर पर 60K Followers हैं. राय यूपी की सियायत के पुराने और मंझे हुए खिलाड़ी हैं. वो पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2012 में उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था.
पुराने संघी अब कट्टर खांटी कांग्रेसी
अजय राय का जन्म 7 अक्टूबर 1969 को वाराणसी में पार्वती देवी राय और सुरेंद्र राय के घर एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था. राय की पहचान यूपी के वैसे राजनेता की है, जिसने हर दल का दामन थामा, चुनाव जीता और जमकर दल बदल किया. फिलहाल बीते एक दशक से वो स्थिर हैं. 12 साल से कट्टर कांग्रेसी हैं और यूपी में 'मोहब्बत वाली दुकान' की यूपी यूनिट संभाल रहे हैं. उनकी छवि बाहुबली वाले नेता की रही है.
यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय पुराने संघी हैं और ABVP से जुड़े रहे हैं. किस्मत ने उन्हें BJP में मौका दिलाया. BJP ने उन्हें तीन बार यूपी से विधानसभा का टिकट दिया. अजय राय तीनों बार चुनाव में जीत हासिल की. बाद में उन्होंने लोकसभा का भी टिकट मांगा, लेकिन पार्टी ने नहीं दिया तो नाराज हो गये. 2009 में भगवा चोला उतार फेंका और समाजवादी बनकर सपा में शामिल हो गये. समाजवादी पार्टी ने उन्हें वाराणसी से मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मैदान में उतारा, लेकिन वो हार गए. 2012 में कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस ने उन्हें पिंडरा से टिकट दिया, वे हार गये. इसके बावजूद उनकी छवि यूपी कांग्रेस में मजबूत होती चली गई.
वाराणसी का सियासी समीकरण
वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी का सीधा मुकाबला कांग्रेस के अजय राय से है. अजय राय इससे पहले भी पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ चुके हैं. कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर वाराणसी से अजय राय को प्रत्याशी बनाया है. वाराणसी में सातवें चरण में 1 जून को वोटिंग है.
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से बंपर जीत हासिल की थी. उन्हें 674664 वोट मिले थे, जबकि सपा की शालिनी यादव 1,95,159 वोट लेकर दूसरे स्थान पर थीं. अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे.
नाम | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
नरेंद्र मोदी | BJP | 674664 | 63.86% |
शालिनी यादव | SP | 195,159 | 18.47% |
अजय राय | INC | 152,548 | 14.44% |
2014 में BJP प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को कुल 3,71,784 वोटों के भारी अंतर से हराया था. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थें. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. हालांकि वो ज़मानत नहीं बचा सके थे.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.