Akbarpur Lok Sabha Chunav 2024 News: शुक्ल तालाब को स्वतंत्रत आंदोलन का मूक गवाह कहा जाता है. इसे अकबर ने बनवाया था. यह क्षेत्र कानपुर की अकबरपुर लोकसभा सीट में आता है. फिलहाल भाजपा का यहां कब्जा है. सपा और कांग्रेस के साथ आने से इस बार भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है.
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Akbarpur Lok Sabha Election 2024: मुगल शासक अकबर के नाम पर यूपी में अकबरपुर लोकसभा सीट है. यहां के प्रसिद्ध शुक्ल तालाब का निर्माण 1563 में अकबर ने ही कराया था. कानपुर देहात जिले का मुख्यालय अकबरपुर ही है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक घर यहीं के डेरापुर इलाके में है. एक समय इस क्षेत्र से बसपा जीतती थी. 2014 में मोदी लहर ने जातिगत समीकरणों को ध्वस्त कर अकबरपुर सीट पर 'कमल' खिला दिया. इस बार सपा ने काफी पहले यहां राजाराम पाल (Rajaram Pal SP Candidate) को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. सपा इस सीट पर कॉन्फिडेंट है कि INDIA गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर उसकी साइकिल यहां जरूर दौड़ेगी. भाजपा की तरफ से देवेंद्र सिंह 'भोले' (Devendra Singh Bhole BJP Candidate) फिर चुनाव मैदान में हैं.
अकबरपुर लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
अकबरपुर सीट पर चौथे चरण में 13 मई 2024 को वोट डाले गए. यहां कुल 57.78 प्रतिशत वोटिंग हुई. सबसे कम कल्याणपुर विधानसभा में 49.67 प्रतिशत वोट पड़े.
भाजपा | देवेंद्र सिंह 'भोले' |
सपा | राजाराम पाल |
बसपा | राजेश द्विवेदी |
अभी भाजपा के 'भोले' का जलवा
2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के देवेंद्र सिंह भोले बंपर वोटों से जीते थे. दूसरे नंबर पर बसपा थी. यहां 18 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. 2014 में भी वही जीते थे. इससे पहले कांग्रेस, सपा और बसपा को जनता ने जिताया था. इस बार भी भाजपा ने 'भोले' पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट थमा दिया है.
पार्टी | उम्मीदवार | विशेष जानकारी |
भाजपा | देवेंद्र सिंह 'भोले' | पिछली बार बंपर वोटों से जीते थे |
सपा | राजाराम पाल | (INDIA गठबंधन के उम्मीदवार) |
बसपा | - | अभी घोषणा बाकी |
कानपुर देहात और कानपुर नगर की पांच विधानसभाओं को मिलाकर अकबरपुर लोकसभा सीट बनी है. कानपुर देहात की विधानसभा अकबरपुर-रनिया और कानपुर नगर की बिठूर, कल्याणपुर, महाराजपुर और घाटमपुर विधानसभा इस लोकसभा में शामिल है. पहले यह इलाका बिल्हौर लोकसभा सीट में आता था. 2008 परिसीमन में वह समाप्त हो गया. अकबरपुर लोकसभा सीट ही कानपुर देहात की लोकसभा सीट मानी जाती है.
उम्र ज्यादा होने के कारण इस बार देवेंद्र सिंह भोले का टिकट भाजपा काट सकती है. बीजेपी की तरफ से राकेश सचान जैसे कई धुरंधर यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उधर, सपा ने काफी पहले ही यहां से राजाराम पाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. कानपुर में जन्मे राजाराम बिल्हौर लोकसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर जीते थे. 2009 में कांग्रेस के टिकट पर अकबरपुर सीट से जीते लेकिन बाद के चुनाव हार गए. अब सपा से किस्मत आजमा रहे हैं.
अखिलेश का PDA समीकरण काम आएगा?
- दरअसल, अकबरपुर लोकसभा सीट पर करीब 19 लाख में से 9 लाख पिछड़ी जातियों के वोटर हैं.
- इनमें यादव के अलावा निषाद, कुशवाहा, पाल, कुर्मी सहित 20 से ज्यादा जातियां शामिल हैं.
- पीडीए के तहत सपा की कोशिश पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक-अगड़ों को साधने की है. जातीय समीकरण से साफ है कि सपा ने तीन दशक से राजनीति कर रहे दिग्गज राजाराम पाल को टिकट क्यों दिया है. वैसे, ओपिनियन पोल में एनडीए को यूपी से प्रचंड जीत मिलने का दावा किया जा रहा है. अब देखना यह है कि भाजपा यहां से जीत का हैटट्रिक लगा पाती है या नहीं?