Ayodhya Lok Sabha Election/Chunav 2024 News: जब से भगवान राम अयोध्या के भव्य मंदिर में आए हैं, पूरे देश में राम लहर चल रही है. देश के कोने-कोने से लोग अयोध्या में दर्शन के लिए आ रहे हैं. भाजपा की रैलियों में अयोध्या की चर्चा बढ़-चढ़कर हो रही है. भाजपा ने एक बार फिर लल्लू सिंह को टिकट थमाया है. सपा के कैंडिडेट क्या जातीय समीकरण के बल पर भाजपा को रोक पाएंगे?
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Ayodhya Lok Sabha Election 2024: राम नगरी अयोध्या दुनियाभर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. सरयू नदी के तट पर बसी इस धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरी की महिमा हमारे वेद-पुराण कहते हैं. यूपी की इस प्राचीन नगरी का नाम कभी साकेत हुआ करता था. प्रभु राम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या को मोक्षदायिनी और प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में माना जाता है. हाल में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से अयोध्यावासी उत्साहित हैं. भक्तों का राम दरबार में तांता लगा है. इस बीच लोकसभा चुनाव हो रहे हैं.
फैजाबाद लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
फैजाबाद सीट पर पांचवें चरण में 20 मई 2024 को वोटिंग हुई. कुल 59.14 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले. नतीजे 4 जून को आएंगे.
अयोध्या जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. जिले की जनसंख्या करीब 25 लाख है. अभी यहां से लल्लू सिंह सांसद हैं और लगातार तीसरी बार भाजपा ने उन पर भरोसा जताया है.
1991 में पहली बार खिला कमल
हां, वो साल था 1991. राम मंदिर आंदोलन चरम पर था. भाजपा ने यहां पहली बार कमल खिलाया था. विनय कटियार सांसद बने थे. हालांकि बीच-बीच में सपा, बसपा और कांग्रेस को भी जनता ने मौका दिया. 2014 में मोदी लहर आने के बाद भाजपा लगातार जीतती आ रही है. जिस तरह चुनाव से पहले अयोध्या से भाजपा के पक्ष में मैसेज गया है, उससे विपक्षी दलों के लिए इस सीट पर अच्छी फाइट देना भी मुश्किल हो सकता है.
अयोध्या का बड़ा तबका राम मंदिर देख खुद को भाग्यशाली मान रहा है तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बात से खुश हैं कि दशकों पुराना विवाद खत्म हो गया है और अयोध्या अब विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है. मंदिर बनने के बाद राम नगरी में पर्यटन के नए द्वार खुले हैं. देश के कोने-कोने से लोग अयोध्या आ रहे हैं. इससे जनता का भी हित जुड़ा है. यहां आज के समय में जातीय समीकरण फेल होता दिखाई देता है क्योंकि भाजपा ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे को आगे रखा हुआ है.
सपा ने दिग्गज नेता पर लगाया दांव
इधर, सपा ने जनवरी में ही अयोध्या से अवधेश प्रसाद को टिकट दे दिया था. अभी वह जिले की मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक हैं. वह लंबे समय से सपा से जुड़े रहे हैं. वह पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के खास लोगों में गिने जाते हैं. कई बार जीतकर वह विधानसभा पहुंचे.
200 प्रमुख लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट देखिए
अवधेश प्रसाद दलित समाज से आते हैं. उनकी अपने समुदाय पर अच्छी पकड़ है. यहां यादव और मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण भी सपा के लिए मुफीद बनता है. फिर भी सपा-कांग्रेस और बसपा का गठबंधन होता तो अयोध्या जैसी सीटों पर भाजपा को टेंशन हो सकती थी. अभी राम मंदिर का क्रेडिट ले रही भाजपा के सामने जातीय समीकरण कितना सटीक बैठेगा, यह चुनाव नतीजों से ही पता चल पाएगा.
1957 | राजाराम मिश्रा | कांग्रेस |
1962 | बृजबासी लाल | कांग्रेस |
1967 | रामकृष्ण सिन्हा | कांग्रेस |
1971 | रामकृष्ण सिन्हा | कांग्रेस |
1977 | अनंतराम जायसवाल | जनता पार्टी |
1980 | जयराम वर्मा | कांग्रेस (आई) |
1984 | निर्मल खत्री | कांग्रेस |
1989 | मित्रसेन यादव | सीपीआई |
1991 | विनय कटियार | भाजपा |
1996 | विनय कटियार | भाजपा |
1998 | मित्रसेन यादव | सपा |
1999 | विनय कटियार | भाजपा |
2004 | मित्रसेन यादव | बसपा |
2009 | निर्मल खत्री | कांग्रेस |
2014 | लल्लू सिंह | भाजपा |
2019 | लल्लू सिंह | भाजपा |