Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: डुमरियागंज में लहराया भगवा, 42728 मतों से सपा को किया परास्त
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Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: डुमरियागंज में लहराया भगवा, 42728 मतों से सपा को किया परास्त

Domariyaganj Lok Sabha Chunav 2024 News: नेपाल से लगे सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज से जगदंबिका पाल पिछले तीन बार से जीत रहे हैं. उनकी क्षेत्र पर पकड़ है. यह वजह है कि भाजपा ने सारी अटकलों को ध्वस्त करते हुए पूर्व कांग्रेसी नेता पर ही भरोसा जताया. यहां बसपा का भी बेस अच्छा है. अब देखना यह है कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन कितनी बड़ी चुनौती दे सकता है. 

Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: डुमरियागंज में लहराया भगवा, 42728 मतों से सपा को किया परास्त

Domariyaganj Lok Sabha Election 2024: गोंडा-बस्ती के पास यूपी का सिद्धार्थनगर जिला नेपाल बॉर्डर से लगा है. इस क्षेत्र का इतिहास भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ा है. उनके पिता शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु इसी जिले में है. इस जनपद का नामकरण भी गौतम बुद्ध के बाल्यावस्था के नाम राजकुमार 'सिद्धार्थ' पर है. वनों से ढका हिमालय की तलहटी का यह इलाका कभी साकेत या कौशल राज्य का हिस्सा हुआ करता था. इसी जिले में है यूपी की 80 में से एक हाईप्रोफाइल डुमरियागंज लोकसभा सीट. पिछले डेढ़ दशक से जगदंबिका पाल जीत रहे हैं. इस बार भी भाजपा ने पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता पर भरोसा जताया है. 

डुमरियागंज लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट

6वें चरण में 25 मई को कुल 51.97 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले. नतीजे 4 जून को आएंगे. 

हां, जगदंबिका पाल 2014 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. वह यूपी के सीएम रहे हैं और कई दशकों से राजनीति में हैं. आज की पीढ़ी को शायद याद न हो, पाल को एक दिन के लिए यूपी का सीएम बनाया गया था. उसकी भी दिलचस्प कहानी है. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने बसपा कैंडिडेट को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था.

200 प्रमुख लोकसभा सीटों की पूरी लिस्ट

हाल के चुनावी समीकरणों को देखें तो भाजपा और बसपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है. इस लोकसभा क्षेत्र में सिद्धार्थनगर जिले की इटवा, शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी और डुमरियागंज विधानसभा आती है. भाजपा के साथ-साथ क्षेत्र से अपना दल और सपा के विधायक भी जीते हैं.

काला नमक चावल यहीं का है

सिद्धार्थनगर काला नमक चावल दुनियाभर में मशहूर है. आयरन और जिंक से भरपूर यहां के चावल का जिक्र संयुक्त राष्ट्र की किताबों में भी हुआ है. हालांकि यह जिला फिर भी पिछड़े जिलों में आता है. 1988 में बस्ती से अलग होकर सिद्धार्थनगर बना था. 

नक्शे में देखिए कहां है डुमरियागंज

डुमरियागंज लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटर काफी हैं, उनका वोट बंटता है तो भाजपा को फायदा होता है. पहली बार राम लहर में भाजपा 1991 में यहां से जीती थी. उसके बाद सपा, बसपा और कांग्रेस भी जीती लेकिन अब जगदंबिका पाल के पास भाजपा की तरफ से जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है. 

सिद्धार्थनगर जिले का गौरवशाली इतिहास पढ़िए

डुमरियागंज का जातीय समीकरण

- यहां SC वोटर 16 प्रतिशत हैं. वोटर की संख्या करीब 19 लाख है. 
- मुसलमानों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है. 
- हिंदुओं की आबादी 58 फीसदी के करीब है. 
- 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 50 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि बसपा के गठबंधन उम्मीदवार को 40 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस का वोट शेयर करीब 7 प्रतिशत था. 

डुमरियागंज लोकसभा सीट से जीते सांसद
1952  केशव देव मालवीय  कांग्रेस
1957  राम शंकर लाल  कांग्रेस
1962  कृपा शंकर  कांग्रेस
1967  नारायण स्वरूप शर्मा  भारतीय जनसंघ
1971  केशव देव मालवीय  कांग्रेस
1977  माधव प्रसाद त्रिपाठी  जनता पार्टी
1980  काज़ी जलील अब्बासी  कांग्रेस
1984  काज़ी जलील  कांग्रेस
1989  बृज भूषण तिवारी  जनता दल
1991  रामपाल सिंह  भाजपा
1996  बृज भूषण तिवारी  सपा
1998  रामपाल सिंह  भाजपा
1999  रामपाल सिंह  भाजपा
2004  मोहम्मद मुकीम  बसपा
2009  जगदंबिका पाल  कांग्रेस
2014  जगदंबिका पाल  भाजपा
2019  जगदंबिका पाल  भाजपा

 

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