Gurgaon Lok Sabha Chunav 2024 News: हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) का गठबंधन है. दिल्ली में AAP की पॉपुलैरिटी चरम पर है. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि दिल्ली से सटी गुरुग्राम लोकसभा सीट पर गठबंधन का फायदा मिल सकता है. हालांकि बीजेपी (BJP) नेता इस बार भी पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं.
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Gurgaon Lok Sabha Election 2024: गुरुग्राम (गुणगांव) लोकसभा सीट की बात करें तो यह संसदीय क्षेत्र हरियाणा की हॉट सीट है. गुड़गांव सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई. दिल्ली से नजदीकी इसकी यूएसपी है. तो एनसीआर का हिस्सा होना सोने पर सुहागा. यहां बीते 3 लोकसभा चुनावों में राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा कायम है. बीजेपी ने 2024 में उन्हीं पर दांव लगाया है. वो 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हुए थे. BJP ने भी चुनाव लड़ाया जीत गए. राव ने 2019 का चुनाव जीतते हुए कामयाबी की हैट्रिक लगाई. 2009 में राव ने बसपा (BSP) के जाकिर हुसैन को बड़े मार्जिन से हराया था. कांग्रेस ने यहां से राज बब्बर और JJP से हरियाणवी गायक राहुल यादव मैदान में हैं.
गुड़गांव लोकसभा चुनाव नतीजे 2024
हरियाणा की सभी सीटों पर 25 मई को एक साथ वोटिंग हुई. नतीजे 4 जून का आएंगे.
कांग्रेस ने इस बार दिल्ली-हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है. हालांकि आप को समझौते में केवल एक लोकसभा सीट (कुरुक्षेत्र) मिली है. इसके बावजूद कांग्रेस को लगता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पॉपुलरैटी चरम पर है. ऐसे में दिल्ली से सटी गुरुग्राम लोकसभा सीट पर आप से गठबंधन का फायदा उसे मिल सकता है. क्योंकि केजरीवाल सरकार फ्री बिजली-पानी स्कीम की चर्चा पूरे एनसीआर में है. वहीं जानकारों का कहना है कि गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी के वोट प्रतिशत में इजाफा हो सकता है, लेकिन बीजेपी की तरह जीत की राह पकड़ना उसके लिए आसान नहीं है.
जानकारों का मानना है कि उनकी उम्र 74 साल की हो गई है लेकिन गुड़गांव में उन्हीं के नाम का सिक्का चलता है. राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा पूर्व सीएम राव बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. राव इंद्रजीत 1977 से 1996 के बीच 4 बार विधायक बने. वो दो बार महेंद्रगढ़ और दो बार गुड़गांव (गुरुग्राम) से सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं. उनका पांच लोकसभा क्षेत्रों और करीब 24 विधानसभा सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है.
गुणगांव लोकसभा सीट की जानकारी
इस लोकसभा में BJP तथा कांग्रेस (INC) के उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला देखने को मिला है. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी BJP के उम्मीदवार और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच मुकाबला होता दिख रहा है. हरियाणा की गुड़गांव लोकसभा सीट पहली बार 1952 में अस्तित्व में आई थी. मगर इस सीट को 1977 में खत्म कर दिया गया. परिसीमन के बाद फिर यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई.
गुरुग्राम संसदीय सीट हरियाणा की सबसे बड़ी लोकसभा है. इस बार यहां करीब 24 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. यहां 12 लाख से ज्यादा पुरुष और 11 लाख से ज्यादा महिला मतदाता हैं. 2019 में 10,54,683 लाख पुरुष और 9,36,018 महिला मतदाता थे. 2019 में यहां 73% वोटिंग हुई थी.
गुणगांव लोकसभा सीट के अंदर कितनी विधानसभाएं हैं?
यहां कांग्रेस का ही दबदबा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से बीजेपी का दबदबा है. गुरुग्राम लोकसभा सीट में 9 विधानसभा- नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुनहाना, रेवाड़ी, सोहना, बादशाहपुर, पटौदी, बावल और गुरुग्राम हैं. इसमें चार में कांग्रेस और पांच पर बीजेपी का MLA है. हरियाणा लोकसभा की सबसे विकसित और हाईफाई विधानसभा गुड़गांव है तो सबसे कम विकसित और अक्सर सामुदायिक विवादों की वजह से सुर्खियों में रहने वाला नूंह इसी लोकसभा सीट के दायरे में आता है.
बीजेपी ने किया बदलाव
लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने दिल्ली से सटे गुरुग्राम में फेरबदल करते हुए 3 जनवरी 2024 को युवा नेता कमल यादव को गुरुग्राम जिले की कमान सौंपी थी. पार्टी ने तत्कालीन जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ को प्रमोशन देकर प्रदेश सचिव बनाया था. गार्गी काफी समय से जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.
गुणगांव लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास : कब किस पार्टी से कौन रहा सांसद
साल | विजेता | पार्टी |
2009 | राव इंद्रजीत सिंह | IN |
2014 | राव इंद्रजीत सिंह | BJP |
2019 | राव इंद्रजीत सिंह | BJP |
पुरानी गुड़गांव सीट की बात करें तो यहां पहला चुनाव 1952 में कांग्रेस पार्टी के ठाकुर दास भार्गवा ने जीता. 1957 में कांग्रेस के अबुल कलाम आजाद की जीत हुई. 1958 में निर्दलीय सांसद प्रकाश वीर शास्त्री ने ये सीट जीती. 1962 में कांग्रेस के गजराज सिंह यादव जीते. फिर 1967 में अब्दुल घानी डार (निर्दलीय) जीते. 1971 में कांग्रेस के तैय्यब हुसैन ने ये सीट जीती थी.
Gurgaon Lok Sabha Chunav 2024 : गुणगांव लोकसभा सीट पर किनके बीच मुकाबला है?
BJP से राव इंद्रजीत सिंह हैं. तो कांग्रेस से पूर्व मंत्री एवं पूर्व प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव, पूर्व संसदीय सचिव राव दान सिंह तथा पूर्व मंत्री आफताब अहमद टिकट का नाम चल रहा है.
हरियाणा के गठन के समय ही इस जिले की स्थापना ( 01 नवंबर 1966) हो गई थी. गुड़गांव का इतिहास बड़ा प्राचीन है. महाभारत काल यानी द्वापर युग में युधिष्ठिर ने ये जगह अपने गुरु द्रोणाचार्य को उपहार में भेंट की थी. इसी कारण आगे नाम गुरुग्राम पड़ा. पहले इसका नाम गुड़गांव था. यहां के मशहूर प्वाइंट्स की बात करें तो पटौदी पैलेस, किंगडम ऑफ ड्रीम्स, सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और एक झील है.