Lakshadweep Lok Sabha News: लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होने वाली है. पार्टियां और कैंडिडेट हर एक वोट पाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि देश में एक लोकसभा सीट ऐसी है जहां के वोटरों की वैल्यू दिल्ली या राजस्थान के वोटरों की तुलना में ज्यादा है. जी हां, वो लक्षद्वीप है.
Trending Photos
Lakshadweep Election News: लक्षद्वीप हाल में काफी चर्चा में रहा था. खूबसूरत बीच और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर यह भारत का द्वीपीय क्षेत्र कई मायनों में खास है. लोकसभा चुनाव में यहां के लोग अपना सांसद चुनने के लिए वोट करेंगे. 19 अप्रैल को यहां वोटिंग है. क्या आप जानते हैं कि चुनाव में इस लोकसभा सीट की अपनी अहमियत है. खास है यहां के वोटरों की तादाद.
वैसे तो चुनाव में हर वोट महत्वपूर्ण होता है. हालांकि आपको जानकर शायद हैरानी हो कि सभी वोट समान नहीं होते. इसके लिए सभी लोकसभा सीटों पर समान संख्या में वोटर होना जरूरी है जबकि ऐसा है नहीं. राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में एक सांसद को चुनने के लिए 21 लाख पात्र वोटरों को मौका मिलता है लेकिन लक्षद्वीप के सांसद को चुनने के लिए केवल 58,000 वोटर हैं. जी हां, लक्षद्वीप वोटरों के हिसाब से भारत में सबसे छोटी लोकसभा सीट है.
2019 के दिलचस्प नतीजे
अपने देश में 543 लोकसभा सीटें हैं. कुल वोटरों की संख्या 97 करोड़ है. इस तरह से देखें तो एक सांसद को चुनने के लिए औसतन 17.9 लाख वोटर हैं. हालांकि खूबसूरत द्वीप समूह वाले लक्षद्वीप लोकसभा क्षेत्र की अपनी अलग कहानी है. आगे जानने से पहले 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे देख लीजिए.
पढ़ें: जब साथ बैठे BJP कैंडिडेट चंद्रशेखर और कांग्रेस के थरूर, लोग बोले UP में मुमकिन नहीं
पिछले चुनाव में एनसीपी के मोहम्मद फैजल पीपी को सबसे ज्यादा 22851 वोट मिले थे. भाजपा के अब्दुल खादिर को केवल 125 और कांग्रेस के हमदुल्ला सईद को 22028 वोट मिले थे. इस तरह से NCP उम्मीदवार ने करीब 800 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. कुल 46909 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
अब सबसे कम मतदाताओं वाली देश की लोकसभा सीटों के बारे में जान लीजिए. अरुणाचल प्रदेश में एक सीट पर 4.4 लाख वोटर हैं.
अरुणाचल प्रदेश | 4.4 लाख |
सिक्किम | 4.6 लाख |
गोवा | 5.8 लाख |
मिजोरम | 8.6 लाख |
मणिपुर | 10.2 लाख |
पढ़ें: जब शाहरुख खान के पिता ने लड़ा लोकसभा चुनाव, किसी ने नहीं दिया वोट
राजस्थान | 21.3 लाख |
दिल्ली | 21 लाख |
हरियाणा | 19.8 लाख |
एमपी | 19.5 लाख |
तेलंगाना | 19.4 लाख |