Who is Radha Mohan Singh: पूर्वी चंपारण सीट पर तीन बार से बीजेपी जीतती आ रही है. 2014 में राधा मोहन सिंह ने राजद उम्मीदवार बिनोद कुमार श्रीवास्तव को हराया था. इसके बाद 2019 में उनके सामने थे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के आकाश प्रसाद सिंह. लेकिन जीत मिली राधा मोहन सिंह को.
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Lok Sabha Election 2024: चुनावी समर के दो राउंड पूरे हो चुके हैं और अब 7 मई को तीसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. चूंकि मौसम का पारा इतना गर्म हो चुका है कि कैंपेनिंग इतनी आसान रही नहीं. लिहाजा अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर काफी चीजें टिकी हुई हैं. जनता को मैसेज देने के लिए बीजेपी काफी बेहतर तरीके से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है. चुनावी दंगल में उतरे नेताओं का Zee News ने सोशल स्कोर निकाला है, जिसे लीडर सोशल स्कोर (LSS) कहा जाता है. अब जानिए पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के बारे में, जो पूर्वी चंपारण से बीजेपी सांसद हैं.
2009 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा
पूर्वी चंपारण सीट पर तीन बार से बीजेपी जीतती आ रही है. 2014 में राधा मोहन सिंह ने राजद उम्मीदवार बिनोद कुमार श्रीवास्तव को हराया था. इसके बाद 2019 में उनके सामने थे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के आकाश प्रसाद सिंह. लेकिन जीत मिली राधा मोहन सिंह को. 2019 में राधा मोहन को 5 लाख 74 हजार से ज्यादा वोट मिले जबकि आकाश प्रसाद को 2 लाख 81 हजार 500 वोट. राधा मोहन सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं.
1 सितंबर 1949 को बिहार के नरहा पानापुर में जन्मे राधा मोहन सिंह जैसे-जैसे युवावस्था में पहुंचे तो आरएसएस की तरफ उनका रुझान बढ़ा. इसके बाद वह जनसंघ और बीजेपी के सदस्य बन गए, जिसके बाद उनका राजनीतिक सफर आगे बढ़ा.
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं राधा मोहन
राधा मोहन सिंह (2020-2023) के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 2014 से लेकर 2019 तक वह कृषि मंत्री रहे. साल 2006-2009 तक वह बीजेपी बिहार के अध्यक्ष रहे. इतना ही नहीं, वह रेलवे, नेशनल इलेक्शन ऑफिसर पर पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी के चेयरपर्सन रह चुके हैं. इतना ही नहीं यूपी बीजेपी के प्रभारी का कामकाज भी संभाल चुके हैं. वह लगातार 4 बार के सांसद हैं. पहली बार वह 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे.
साल 2008 में परिसीमन के बाद पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी. इसके बाद से इस पर राधा मोहन सिंह जीत रहे हैं. परिसीमन के बाद वह लगातार तीन बार सांसद रहे और इससे पहले भी वह सांसद रहे हैं. इस क्षेत्र में उनका दबदबा माना जाता है. कुल 6 बार जीतकर वह संसद पहुंचे हैं.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.