Sant Kabir Nagar Lok Sabha Election 2024: सूफी संत की धरती संत कबीर नगर में सेट हुआ सपा का समीकरण, भाजपा खाई मात.
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Sant Kabir Nagar Lok Sabha Election 2024: सूफी संत की धरती संत कबीर नगर में सेट हुआ सपा का समीकरण, भाजपा खाई मात.

Sant Kabir Nagar  Lok Sabha Election 2024 News: संत कबीरनगर जिला कबीर दास के ही नाम से जाना जाता है. यहां का सियासी मुकाबला भी दिलचस्प रहा है. पिछली बार एक निषाद पार्टी के अध्यक्ष के बेटे को भाजपा ने टिकट देकर सियासी पंडितों को चौंका दिया था. इस बार भाजपा ने फिर वही बाजी चली है. 

Sant Kabir Nagar Lok Sabha Election 2024: सूफी संत की धरती संत कबीर नगर में सेट हुआ सपा का समीकरण, भाजपा खाई मात.

Sant Kabir Nagar Lok Sabha Election 2024: यूपी में महापुरुषों के नाम पर कई जिले रखे गए हैं. इसमें से एक है संत कबीर नगर जिला. यह बस्ती से अलग होकर सितंबर 1997 में अस्तित्व में आया. यह संत कबीर दास जी की गतिविधियों का क्षेत्र था इसीलिए इसका नाम 'संत कबीर नगर' रखा गया. जी हां, कबीर की निर्वाण स्थली 'मगहर' यहीं पर है. अंधविश्वास के खिलाफ रहे कबीर दास आखिरी समय में काशी से यहां चले आए थे. यहीं पर उनकी समाधि है. वहां मंदिर है और मजार भी.

संत कबीर नगर लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट

छठे चरण में 25 मई को इस सीट पर मतदान हुआ. कुल 52.57 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले. नतीजे 4 जून को आएंगे. 

बस्ती और गोरखपुर के बीच में संत कबीर नगर जिला पड़ता है.  इस सीट पर पहली बार 2009 में चुनाव हुए थे. तब बसपा जीती थी. हालांकि मोदी लहर में भाजपा जीतने लगी. इस बार भी भाजपा ने प्रवीण कुमार निषाद (Praveen Kumar Nishad) को टिकट दिया है. 

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2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को यहां से उतारा था. प्रवीण कुमार निषाद वही हैं, जो सपा के टिकट पर 2018 में गोरखपुर का उपचुनाव जीते थे. आपको बता दें कि निषाद पार्टी एनडीए में शामिल है और पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद यूपी सरकार में मंत्री हैं. 

संत कबीर नगर लोकसभा में जिले की तीन विधानसभाओं के अलावा गोरखपुर और अंबेडकर नगर जिले की 1-1 सीटें शामिल हैं. यहां का पीतल उद्योग गिरावट के दौर में है. कुछ और भी स्थानीय समस्याएं बनी हुई हैं. 

कबीर की धरती का इतिहास पढ़िए

2014 की मोदी लहर में यहां से दिग्गज नेता रमापति राम त्रिपाठी के बेटे शरद त्रिपाठी जीते थे. 2019 में उनका टिकट कटा और भाजपा ने जातीय समीकरण को ध्वस्त करने के लिए प्रवीण निषाद को खड़ा कर सभी को चौंका दिया. ऐसे में भाजपा को निषाद समुदाय का पूरा वोट मिला. फिर भी मुकाबला इतना आसान नहीं था. सपा-बसपा गठबंधन ने अच्छी फाइट दी थी. 

मैप देखिए, कहां है संत कबीरनगर

इस बार सपा और कांग्रेस एक साथ आए हैं, ऐसे में भाजपा के लिए चुनौती तो रहेगी लेकिन बसपा के साथ न होने से विपक्षी INDIA गठबंधन को ज्यादा मेहनत करनी होगी. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि सपा-बसपा और कांग्रेस तीनों दल साथ आते तो भाजपा को कड़ी टक्कर दी जा सकती थी. 

संत कबीर नगर सीट का जातीय समीकरण

- यहां करीब साढ़े 19 लाख वोटर हैं.

- निषाद वोटरों की आबादी डेढ़ लाख के करीब है.

- मुस्लिम वोटर 6 लाख से ज्यादा और यादव एक लाख से ज्यादा हैं.

- इसके अलावा कुर्मी एक लाख से ज्यादा, ब्राह्मण तीन लाख, क्षत्रिय एक लाख से ज्यादा, भूमिहार 50 हजार और दलित करीब साढ़े चार लाख हैं.

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