यूपी में महापुरुषों के नाम पर कई जिले रखे गए हैं. इसमें से एक है संत कबीर नगर जिला. यह बस्ती से अलग होकर सितंबर 1997 में अस्तित्व में आया. यह संत कबीर दास जी की गतिविधियों का क्षेत्र था इसीलिए इसका नाम 'संत कबीर नगर' रखा गया. जी हां, कबीर की निर्वाण स्थली 'मगहर' यहीं पर है. बस्ती और गोरखपुर के बीच में संत कबीर नगर जिला पड़ता है. इस सीट पर पहली बार 2009 में चुनाव हुए थे. तब बसपा जीती थी. संत कबीर नगर लोकसभा में जिले की तीन विधानसभाओं के अलावा गोरखपुर और अंबेडकर नगर जिले की 1-1 सीटें शामिल हैं.यहां करीब साढ़े 19 लाख वोटर हैं. निषाद वोटरों की आबादी डेढ़ लाख के करीब है. मुस्लिम वोटर 6 लाख से ज्यादा और यादव एक लाख से ज्यादा हैं. इसके अलावा कुर्मी एक लाख से ज्यादा, ब्राह्मण तीन लाख, क्षत्रिय एक लाख से ज्यादा, भूमिहार 50 हजार और दलित करीब साढ़े चार लाख हैं.
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