'किसी से ना डरें, संविधान का पालन करें', काउंटिंग से पहले खरगे का नौकरशाहों को लेटर; जानिए क्या-क्या कहा
Advertisement
trendingNow12277159

'किसी से ना डरें, संविधान का पालन करें', काउंटिंग से पहले खरगे का नौकरशाहों को लेटर; जानिए क्या-क्या कहा

लोकसभा चुनाव के लिए काउंटिंग से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के नौकरशाहों को पत्र लिखा है और कहा है कि वो किसी असंवैधानिक तरीके के आगे नहीं झुकें और बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करें.

'किसी से ना डरें, संविधान का पालन करें', काउंटिंग से पहले खरगे का नौकरशाहों को लेटर; जानिए क्या-क्या कहा

Mallikarjun Kharge Letter to Bureaucrats: काउंटिंग से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के नौकरशाहों को पत्र लिखा है और उनसे संविधान का पालन करने की अपील की है. इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खरगे ने ब्यूरोक्रेट्स से कहा है कि वो किसी असंवैधानिक तरीके के आगे नहीं झुकें और बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करें. बता दें कि आज (4 जून) सुबह आठ बजे से लोकसभा चुनाव की मतगणना होनी है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी चिट्ठी में क्या-क्या कहा?

मल्लिकार्जुन खरगे ने नौकरशाहों और अधिकारियों के नाम जारी पत्र में कहा, 'हमारे प्रिय सम्मानित सिविल सेवकों और अधिकारियों, मैं आपको विपक्ष के नेता (राज्यसभा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष की हैसियत से लिख रहा हूं. 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव संपन्न हो चुके हैं और कल, 4 जून, 2024 को मतगणना होगी. मैं भारत के चुनाव आयोग, केंद्रीय सशस्त्र बलों, विभिन्न राज्यों की पुलिस, सिविल सेवकों, जिला कलेक्टरों, स्वयंसेवकों और आप में से हर एक को बधाई देना चाहता हूँ जो इस विशाल और ऐतिहासिक कार्य के क्रियान्वयन में शामिल थे.'

खरगे ने आगे लिखा, 'हमारे प्रेरणास्रोत और भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' कहा था. भारत के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही है, जिसने भारत के संविधान के आधार पर कई संस्थाओं की स्थापना की, उनकी ठोस नींव रखी और उनकी स्वतंत्रता के लिए तंत्र तैयार किए.'

बिना किसी दबाव या किसी से डरे करें काम: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह 'अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करेगा तथा संविधान और कानून के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा.' इस भावना से हम प्रत्येक ब्यूरोक्रैट और अधिकारी से - पदानुक्रम के ऊपर से नीचे तक, संविधान की भावना के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा करते हैं, जो जो की बिना किसी दबाव, धमकी, या सत्ताधारी पार्टी/गठबंधन या विपक्षी पार्टी/गठबंधन से किसी भी प्रकार के दबाव के हो.'

भारत का संविधान और लोकतंत्र हताहत हुए हैं: खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, 'इस तथ्य को रेखांकित करना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बी.आर. अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद, सरोजिनी नायडू और हमारे अनगिनत प्रेरणादायी संस्थापक सदस्यों द्वारा तैयार संविधान के माध्यम से न केवल मजबूत शासन का ढांचा तैयार किया, बल्कि ब्यूरोक्रेसी और नागरिक समाज में हाशिए पर पड़े लोगों को हमारे स्वायत्त संस्थानों में प्रतिनिधित्व देकर सकारात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की.'

खरगे ने आगे लिखा, 'पिछले दशक में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हमारे स्वायत्त संस्थानों पर हमला करने, उन्हें कमजोर करने और दबाने का एक व्यवस्थित पैटर्न देखा गया है. परिणामस्वरूप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा है. भारत को एक तानाशाही शासन में बदलने की व्यापक प्रवृत्ति है. हम तेजी से देख रहे हैं कि कुछ संस्थाएं अपनी स्वतंत्रता को त्याग रही हैं और बेशर्मी से सत्ताधारी पार्टी के हुक्मों का पालन कर रही हैं. कुछ ने पूरी तरह से उनकी संवाद शैली, उनके कामकाज के तरीके और कुछ मामलों में तो उनकी राजनीतिक बयानबाजी को भी अपना लिया है. यह उनकी गलती नहीं है. तानाशाही शक्ति, धमकी, बलपूर्वक तंत्र और एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ, सत्ता के आगे झुकने की यह प्रवृत्ति उनके अल्पकालिक अस्तित्व का एक तरीका बन गई है. हालांकि, इस अपमान में भारत का संविधान और लोकतंत्र हताहत हुए हैं.'

Trending news