Arthi Baba Gorakhpur: जो अर्थी पर बैठकर निकलते हैं, श्मशान में दफ्तर... अब नहीं लड़ पाएंगे गोरखपुर से लोकसभा चुनाव
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Arthi Baba Gorakhpur: जो अर्थी पर बैठकर निकलते हैं, श्मशान में दफ्तर... अब नहीं लड़ पाएंगे गोरखपुर से लोकसभा चुनाव

Rajan Yadav Gorakhpur: उनका नाम राजन यादव है लेकिन लोग उन्हें अर्थी बाबा के नाम से ही जानते हैं. वह कई चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी दाखिल कर चुके थे लेकिन उनका नामांकन खारिज हो गया है. 

Arthi Baba Gorakhpur: जो अर्थी पर बैठकर निकलते हैं, श्मशान में दफ्तर... अब नहीं लड़ पाएंगे गोरखपुर से लोकसभा चुनाव

Gorakhpur Lok Sabha Chunav: वह अर्थी पर बैठकर प्रचार करते हैं, अर्थी पर बैठकर ही नामांकन करने गए थे, श्मशान घाट पर चुनाव कार्यालय खोला... यह फिल्मी कहानी नहीं हकीकत है. गोरखपुर में 'अर्थी बाबा' के नाम से मशहूर प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया है. जी हां, अब वह गोरखपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. दरअसल, राजन यादव को ही अर्थी बाबा के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि वह निर्वाचन आयोग के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर अर्थी पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. 

वो एक्टर हैं, मैं रीयल नेता

वह कहते हैं कि गोरखपुर से एक्टर चुनाव लड़ रहे हैं, वह रीयल के नेता नहीं है. मैं रीयल का नेता हूं. अर्थी बाबा 4 बार विधायकी और 4 बार सांसदी के चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे चुनाव में जीत तो नहीं मिली लेकिन जिस दिन मिलेगी, उस दिन पूरा देश मेरी तरफ होगा. 

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बताया जा रहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारी कृष्णा करुणेश की निगरानी में हुई जांच के दौरान यादव सहित 19 नामांकन पत्र विभिन्न खामियों के चलते रद्द कर दिए गए. अर्थी बाबा ने कहा, '14 मई को नामांकन दाखिल करते समय मैंने वहां मौजूद अधिकारियों से नियमों के बारे में पूछा और उन्होंने कहा कि सभी कॉलम ठीक से भरे होने चाहिए. मैंने उनके निर्देशों का पालन किया, फिर भी मेरा नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया.'

अर्थी के पीछे दिया तर्क

नामांकन दाखिल करने जब वह आए थे तो कहा कि यह भ्रष्ट व्यवस्था की अर्थी है. कोई भी सदन में गरीबों और आम जनता के पक्ष में मुद्दे नहीं उठाता है. बिना पैसा दिए आप पढ़ नहीं सकते. बेरोजगारी पर कोई बात नहीं करता. श्मशान पर चुनाव ऑफिस के बारे में उन्होंने कहा था कि जो लोग अंतिम संस्कार करने आते हैं वे 1-1 रुपये चंदा देते हैं. इसी पैसे से वह चुनाव में पर्चा दाखिल करते हैं. 

योगी के खिलाफ लड़े और आगे...

उन्होंने मांग की कि नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाना चाहिए क्योंकि मौजूदा प्रक्रिया बहुत कठिन है. उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में जब उन्होंने लखनऊ में राजनाथ सिंह के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल किया था तब भी उसे रद्द कर दिया गया था. अर्थी बाबा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और अब वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहते हैं. 

बौद्ध भिक्षु हैं अर्थी बाबा

यादव ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने की अपनी योजना की भी घोषणा की. यादव का कहना है कि उन्होंने एमबीए किया है लेकिन अब वह बौद्ध भिक्षु हैं और भिक्षा पर गुजारा कर रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ मानी जाने वाली गोरखपुर की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीट पर आखिरी चरण में एक जून को मतदान होगा.

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