Vote Percent: पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों ने वोट के अधिकार का स्वाद चखा है. बड़े दिनों बाद जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य के लिए कुछ बड़ा करने का अहसास हुआ है. मतदाताओं की लंबी लाइनें लगी थीं. सबके अपने नेता हैं.
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Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग पड़ोसी पाकिस्तान को मिर्ची लगाने की काफी है. दुनियाभर में कश्मीर पर झूठ बोलने वाले पाकिस्तान के लिए बुरी खबर ये है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज़ में बंपर वोटिंग हुई है. जम्मू कश्मीर के 7 जिलों की 24 सीटों पर लोगों ने मतदान किए. वोटिंग के लिए आज जो ट्रेंड दिखा है, उसमें जम्मू कश्मीर में मजबूत होते लोकतंत्र की झलक है.10 वर्षों के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.
असल में वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी गई थी. वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 हटने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव करवाए जा रहे हैं. लोग भी इसमें हिस्सा लेकर खुश हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि पहले चरण में ऐसे इलाकों में वोटिंग हुई, जो आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं. यहां को लोगों ने वोटिंग के प्रति अपने रुझान से पूरे देश को प्रभावित किया है.
पूरे 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों ने वोट के अधिकार का स्वाद चखा है. बड़े दिनों बाद जम्मू कश्मीर के लोगों को राज्य के लिए कुछ बड़ा करने का अहसास हुआ है. मतदाताओं की लंबी लाइनें लगी थीं. सबके अपने नेता हैं.. अपनी अलग विचारधारा वाली पार्टी है...
लेकिन इन सभी में एक बात कॉमन है.. वो है जम्मू कश्मीर के उज्जवल भविष्य कामना...
- जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों के लिए 3 फेज़ में वोटिंग, जिसका पहला चरण आज था.
- आज पहले फेज़ में जम्मू-कश्मीर के 7 जिलों की 24 सीटों पर वोटिंग हुई.
- पहले चरण में अनंतनाग, डोडा, किश्तवाड़, कुलगाम, पुलवामा, रामबन, शोपियां में वोट डाले गए.
- पहले चरण में जम्मू कश्मीर की इन सीटों पर शाम 5 बजे तक करीब 58 प्रतिशत वोटिंग हुई
वोटिंग को लेकर वोटर्स ही नहीं, जम्मू कश्मीर के नेताओं में भी उत्साह काफी बढ़ा हुआ था.
वो जनता को मतदान के लिए प्रेरित भी कर रहे थे, और अपने लिए माहौल भी बना रहे थे
जम्मू-कश्मीर का चुनाव, केंद्रीय पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है. वहीं स्थानीय पार्टियों के लिए अस्तित्व बचाने की लड़ाई है. अनुच्छेद 370, गवर्नर रूल, जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग किया जाना और आतंकवाद. ये ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर स्थानीय पार्टियां और देश का विपक्ष चुनाव में उतरा है. वोटिंग का ये ट्रेंड, किस नतीजे पर जा रहा है, ये 4 जून को पता चलेगा.
अनंतनाग से खालिद हुसैन, त्राल से अमित भारद्वाज और किश्तवाड़ से रजत बोहरा, जी मीडिया