RSS News: संघ के रणनीतिकारों ने अपनी इस मुहिम का नाम 'डोर टू डोर कैंपेनिंग और मैन टू मैन मार्केटिंग' (Door to Door Campaigning, Man to Man Marking) रखा गया है. इस खास मिशन के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 8 से 9 हजार कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए हैं.
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Maharashtra Elections: लोकसभा चुनावों में बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें दूर रह गई तो इसके पीछे की एक वजह ये बताई गई कि 2024 के आम चुनाव में संघ और उसके संगठनों ने बीजेपी के लिए काम नहीं किया. इसके पीछे ये तर्क दिया गया था कि बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा था कि आज की बीजेपी को संघ के साथ की जरूरत नहीं है. सोशल मीडिया पर चली ऐसी बहसों की पुष्टि हम नहीं करते. इन बातों और चर्चाओं से इतर सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों में बीजेपी (BJP) की जीत सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने खास रणनीति बनाई है.
'डोर टू डोर कैंपेनिंग और मैन टू मैन मार्केटिंग'
संघ के रणनीतिकारों ने अपनी इस मुहिम का नाम 'डोर टू डोर कैंपेनिंग और मैन टू मैन मार्केटिंग' (Door to Door Campaigning, Man to Man Marking) रखा गया है. इस खास मिशन के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 8 से 9 हजार कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए हैं. इस बार के चुनावों के लिए आरएसएस ने एक खास पेपर छपवाया है. जिसका प्रकाशक आरएसएस का ही एक अनुशांगिक संगठन है जिसका नाम है राष्ट्रीय मतदाता मंच है.
'खास पार्टी या कैंडिडेट का जिक्र नहीं'
हालांकि इस पेपर में कही भी किसी खास पार्टी या लोकल कैंडिडेट का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन लोगो को वोट की ताकत समझाने के साथ ही राष्ट्रहित में वोट करने की अपील ज़रूर की जा रही है.
एमवीए की गारंटी पर शिंदे ने साधा निशाना
MVA की गारंटी पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी (mva) पर हमलावर होते हुए कहा, 'वो वादा करते हैं बाद में झूठ बताते हैं. वो झूठे और धोखेबाज हैं. संविधान का झूठा नैरेटिव नहीं चलेगा. बाबा का संविधान हमेशा रहेगा. महायुति विधानसभा चुनाव जीतेगी.'
AIMIM नेता की धमकी
इस बीच महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी हुई बड़ी खबर उस वक्त आई जब AIMIM उम्मीदवार नासिर सिद्दीकी ने विवादित बयान दिया उन्होंने बीजेपी नेता नितेश राणे को 5 फुट 5 इंच का पेप्सी कहते हुए असेंबली के अंदर घुसकर मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा, 'असेंबली के अंदर घुसकर कोई करने की हिम्मत रखता है, तो वह मजलिस के लोग होंगे. इसके बाद वहां सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.'