Kolkata: उस रात RGK में हुए 2 मर्डर! पीड़िता के साथ सबूतों का कत्ल! क्राइम सीन बना 'पिकनिक स्पॉट'?
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Kolkata: उस रात RGK में हुए 2 मर्डर! पीड़िता के साथ सबूतों का कत्ल! क्राइम सीन बना 'पिकनिक स्पॉट'?

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट पेश की है. उसके हिसाब से देखें तो 8 और 9 अगस्त की रात को RGK मेडिकल कॉलेज में 1 नहीं 2 मर्डर हुए थे. ये बात हैरानी वाली है लेकिन सच्चाई यही है.

Kolkata: उस रात RGK में हुए 2 मर्डर! पीड़िता के साथ सबूतों का कत्ल! क्राइम सीन बना 'पिकनिक स्पॉट'?

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट पेश की है. उसके हिसाब से देखें तो 8 और 9 अगस्त की रात को RGK मेडिकल कॉलेज में 1 नहीं 2 मर्डर हुए थे. ये बात हैरानी वाली है लेकिन सच्चाई यही है. उस रात जूनियर डॉक्टर की हत्या के साथ-साथ, उसको इंसाफ दिलाने के सारे रास्ते भी बंद करने की कोशिश हुई थी. उस रात इस केस को दबाने के लिए सबूतों का भी गला घोंट दिया गया था. एक हत्या जूनियर डॉक्टर की हुई, और दूसरी हत्या इस केस की.

RGK के सेमिनार हॉल में हुई बर्बरता की सारी कहानी, बंगाल पुलिस ने अपने जूतों तले रौंद दी. सबूतों के साथ खिलवाड़ किया गया. आज का सच यही है कि जूनियर डॉक्टर को इंसाफ दिलाना CBI के लिए भी चुनौती बन गया है. सूत्रों में से मिली जानकारी के मुताबिक CBI की स्टेटस रिपोर्ट में जो बातें लिखी हुई हैं, वो बंगाल पुलिस की लापरवाही, और बड़ी साजिश का इशारा करती है.

- CBI के मुताबिक बंगाल पुलिस ने क्राइम सीन को पूरी तरह से खराब कर दिया था, जिससे ज्यादा सबूत नहीं मिल पाए.
- केस से जुड़े सबूतों को या तो छिपाया गया है, या फिर नष्ट कर दिया गया है.
- हत्या के इस केस को आत्महत्या बनाया गया. इसलिए सबूत नजरअंदाज किए गए.
- हत्या को आत्महत्या बताया जाने लगा, जिसकी वजह से  FSL टीम ने भी आत्महत्या को ध्यान में रखकर सबूत जुटाए.
- पीड़िता का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिससे CBI को पुलिस द्वारा करवाए गए पोस्टमॉर्टम और केस डायरी की जानकारी को आधार मानना पड़ेगा.
- बंगाल पुलिस द्वारा की गई डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को मानना भी एकमात्र विकल्प रह गया है.

सीबीआई इस केस में उलझ गई है. देसी भाषा में कहें तो इस केस में बंगाल पुलिस ने ऐसा रायता फैलाया है कि CBI कुछ ठोस नहीं कर पा रही है. घटनास्थल को अस्पताल प्रशासन और बंगाल पुलिस ने कंपनी गार्डन बना दिया था. जिसकी वजह से अहम सबूत नष्ट हो गए. अब ये साजिशन किया गया या फिर भूलवश, ये कह पाना मुश्किल है.

इस वक्त पूरा देश पश्चिम बंगाल की निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए एकमत है. बंगाल पुलिस पर देश को बिल्कुल भरोसा नहीं है. बंगाल सरकार पर राज्य के लोगों को संदेह होने लगा है. पूर देश को अब केवल सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है. इस केस में अभी तक हमने कई तरह के खुलासे किए हैं. हमने अस्पताल में चल रही धांधलियों के बारे में भी बताया है. 

अब पीड़िता के मां-बाप ने बंगाल पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं. यही नहीं उन्होंने शक जताया है कि उनके बेटी के रेप और हत्या के मामले एक आरोपी नहीं, बल्कि उसके कुछ करीबी भी शामिल हो सकते हैं. पीड़िता के मां-बाप ने और क्या खुलासे किए हैं, चलिए हम आपको उनसे ही सुनवाते हैं.

बंगाल पुलिस ने इस केस में जो गुल खिलाए हैं, उसके बाद CBI के बाद संदिग्धों के पॉलिग्राफ टेस्ट के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. इसीलिए CBI, 4 संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाना चाहती है. ये वही 4 संदिग्ध हैं, जिनका जिक्र पीड़िता के मां-बाप भी करते हैं. सीबीआई को RGK मेडिकल कॉलेज के 4 कर्मचारियों पर शक है. ये लोग इस केस से जुड़े 4 नए किरदार हैं.

- इसमें 2 लोग फर्स्ट ईयर पीजीटी डॉक्टर्स हैं. वारदात स्थल पर CBI को 2 डॉक्टर्स के फिंगरप्रिंट मिले थे.
- 1 हाउस स्टाफ है. सीसीटीवी फुटेज में ये हाउस स्टाफ पहली मंजिल की इमरजेंसी से तीसरी मंजिल पर जाता हुआ देखा गया था.
- और 1 इंटर्न है. सीबीआई के मुताबिक ये इंटर्न तीसरी मंजिल पर था और इसने पीड़िता से बातचीत भी की थी.

अब सवाल ये है कि इन चारों का पॉलीग्राफ करके CBI क्या जानना चाहती है. सीबीआई के मुताबिक वारदात के दिन पीड़िता और फर्स्ट ईयर के दोनों डॉक्टर्स ने रात 12 बजे डिनर किया. फिर सेमिनार रूम में ओलंपिक देखा. सेमिनार रूम के सामने डॉक्टर्स के आराम करने वाला रूम है, जिसे स्लीप रूम कहा जाता है. दोनों फर्स्ट ईयर छात्र स्लीप रूम में चले गए. पीड़िता सेमिनार रूम में रही. अस्पताल के हाउस स्टाफ ने रात करीब 2:45 (पौने तीन बजे) तीसरी मंजिल पर जाने की बात कही, जबकि इंटर्न के मुताबिक वो इंटर्न रूम में था.

सेमिनार हॉल, स्लीप रूम और इंटर्न रूम, तीनों कमरे तीसरी मंजिल पर एक दूसरे के पास-पास ही हैं. CBI कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स और इनके बयानों को वैरिफाई करना चाहती है. CBI ने चारों संदिग्धों के बयानों में विरोधाभास पाया है, इसलिए वो पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है.

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