Khadim Gauhar Chishti: अजमेर में सरेआम भीड़ को संबोधित करते हुए सर तन से जुदा नारा लगाकर भीड़ को भड़काने वाले अजमेर दरगाह के खादिम मौलाना गौहर चिश्ती को कोर्ट ने बरी कर दिया है. उसके साथ ही 5 अन्य आरोपी भी दोषमुक्त कर दिए गए हैं.
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Ajmer Dargah Khadim Gauhar Chishti: आज से करीब दो साल पहले अजमेर में सिर तन से जुदा के नारे लगते हैं. भड़काऊ नारे लगने के कुछ दिन बाद चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड होता. भड़काऊ नारेबाज़ी के आरोप में खादिम गौहर चिश्ती समेत कई आरोपी पकड़े जाते हैं, 22 लोगों की गवाही होती है. जांच एजेंसी 32 दस्तावेज तैयार करती है लेकिन अब इस मामले में 6 आरोपी बरी हो चुके हैं.
वीडियो से भड़काऊ नारों का सत्यापन नहीं- कोर्ट
एक बार फिर सिर तन से जुदा जैसे भड़काऊ नारेबाज़ी के आरोप लगने वाले सुर्खियों में आ गए हैं. अजमेर दरगार के बाहर भीड़ में सिर तन से जुदा का भड़काऊ नारा लगाने के मामले में एडीजे कोर्ट नंबर चार ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मौलाना गौहर चिश्ती समेत 6 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि भड़काऊ नारे के जो भी वीडियो सामने आए थे, उनका सत्यापन नहीं हो पाया.
खादिम चिश्ती ने लगाए थे सिर तन से जुदा जैसे भड़काऊ नारे
ये मामला 17 जून 2022 का है जब मौन जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देने के बाद खादिम गौर चिश्ती फरार हो गया था. इससे पहले चिश्ती ने रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाकर सिर तन से जुदा जैसे भड़काऊ नारे लगाए थे. इसके फरार होने के बाद उसे हैदराबाद में अहसानुल्लाह ने शरण दी थी. इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया था. भड़काऊ भाषण और नारेबाजी के बाद खादिम गौहर चिश्ती उदयपुर भी आया था.
नारों के 11 दिन बाद उदयपुर में कन्हैयालाल का हुआ मर्डर
ठीक 11 दिन बाद यानी 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हो जाती है. उस दिन आतंकी सोच के साथ दो हत्यारों ने कन्हैयालाल की चाकू से गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी.
अजमेर दरगाह का खादिम है गौहर चिश्ती
जांच में जुटी NIA ने अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती को रडार पर लिया था. NIA अधिकारियों ने गौहर की गतिविधियों के बारे में फीडबैक लिया था. इसके साथ ही गौहर की कुछ पुरानी संदिग्ध फोटो भी सामने आई थी, जिसमें गौहर चिश्ती CRPF परिसर का VIDEO बनाते हुए दिख रहा था. हालांकि पूछताछ में गौहर चिश्ती से कुछ सामने नहीं आया था.
ये आरोपी भी हो गए बरी
इस केस में खादिम गौहर चिश्ती, अजमेर के ही रहने वाले ताजिम सिद्धिकी, फखर जमाली, रियाज हसन दल, मोईन खान और नासिर खान आरोपी थे. वे सब अब बरी कर दिए गए हैं. इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है.
दूसरी ओर पब्लिक प्रोसिक्यूटर अब इस कानूनी लड़ाई को आगे ले जाने का मन बना चुके हैं. सरकारी वकील नजमी फारुकी ने कहा कि पूरा जजमेंट देखने के बाद हाईकोर्ट में अपील करेंगे. जबकि मामले में फरार सातवें आरोपी अहसानुल्लाह पर कोई फैसला नहीं आया है.