West Bengal News: बंगाल से चल रहे भारत विरोधी खेल का विदेशी कनेक्शन ईडी (ED) ने पकड़ा है. झारखंड (Jharkhand) से भी मामले के तार जुड़ रहे हैं. एजेंसी का मानना है कि आरोपी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में मौजूद था. सूत्रों ने बताया कि उनके बैंक खातों की जांच से लेनदेन के बारे में साफ जानकारी मिलेगी.
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ED Raid in West Bengal: हाईटेक पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तमाम मुस्तैदियों के बावजूद देश से गद्दारी करने वाले हों या अन्य गैरकानूनी गतिविधियां चलाने वाले चोर, डकैत, भ्रष्टाचारी और उठाईगीर कोई भी सुधरने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में भारत की पुलिस, NIA, ED, CBI जैसी कई जांच एजेंसियां लगातार अपराधियों की नकेल कसकर उन्हें सलाखों के पीछे धकेल रही हैं. इसी सिलसिले में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हवाला मामले में गिरफ्तार किए दो बांग्लादेशी नागरिकों रोनी मंडल और समीर चौधरी के बैंक खातों की खंगाला है. इसी केस में एजेंसी को कुछ और चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है.
विदेशी को कैसे मिला लाइसेंस?
नॉर्थ 24 परगना के बैरकपुर में रहने वाले मंडल के बहन, बहनोई और भतीजे के बैंक खातों की भी ईडी जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों का मानना है कि मंडल बहुत रसूख वाला शख्स है. जिसके प्रभावशाली राजनीतिक लोगों से रिश्ते हैं. जिसके कारण वह बांग्लादेशी नागरिक होने के बावजूद स्थानीय बैरकपुर नगर पालिका से शहरी नागरिक निकाय के लिए रजिस्टर्ड कॉन्ट्रैक्टर होने का लाइसेंस ले चुका था.
सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतरेगा
ED का मानना है कि मंडल इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की विभिन्न जनसभाओं में मौजूद था. सूत्रों ने बताया कि उनके बैंक खातों की जांच से अधिकारियों को पैसे के लेनदेन के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलेगी, जिससे समय के साथ प्रभावशाली लोगों की पहचान हो सकेगी. मंडल और चौधरी के अलावा ईडी अफसरों ने हवाला घोटाले के सिलसिले में पिंटू हलदर और पिंकी बसु नामक दो नागरिकों को भी गिरफ्तार किया था.
ईडी अफसरों ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कर्मियों के साथ पश्चिम बंगाल और झारखंड में फैले हवाला घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में 12 स्थानों पर छापेमारी और सर्च ऑपरेशन चलाया था. घोटाले का संबंध बांग्लादेश से भी है. इन 12 ठिकानों में उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम स्थित एक महिला का घर भी शामिल है, जिसके खिलाफ रांची में मुकदमा दर्ज हुआ था.
संबंधित महिला ने बांग्लादेश से अन्य महिलाओं को रोजगार का झांसा देकर अवैध रूप से पश्चिम बंगाल में प्रवास करवाया और फिर उन्हें इंटर स्टेट हवाला रैकेट में शामिल किया, जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और झारखंड शामिल थे. इन बांग्लादेशी महिलाओं को हिंदू नामों वाले आधार कार्ड जैसे फर्जी दस्तावेज भी दिए गए. सूत्रों ने बताया कि इनमें से कुछ बांग्लादेशी महिलाएं रांची भागने में सफल रहीं और वहां के एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
अब, हवाला कारोबार धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के दायरे में आता है, इसलिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज करने के बाद ईडी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले को अपने हाथ में ले लिया. शुरुआती जांच में ये पता चला कि हवाला के जरिए आए फंड का एक हिस्सा परिवहन व्यवसाय में भी निवेश किया गया था. (IANS)