ZEE News की मुहिम 'ऑपरेशन मिलाप' की शुरुआत करते हुए अपनों की साजिश के चलते कतार की जेल में बंद बेकसूर दंपति को भारत लाने का फैसला किया है.
दरअसल, मुंबई में रहने वाली ओनिबा कुरैशी नाम की एक लड़की की शादी शरीक कुरैशी नाम के एक शख्स से तय हुई थी. शरीक भी मुंबई में ही रहता था. शादी के बाद शरीक की एक सगी आंटी ने उन्हें कतर घूमने का हनीमून पैकेज गिफ्ट दिया था. जहां जाने से शरीक लगातार मना कर रहा था. हालांकि घरवालों के दबाव के चलते वे दोनों हनीमून पर जाने के लिए तैयार हो गए.
दंपत्ति सबसे पहले बैंगलोर जाते हैं. जहां एक होटल में उन्हें हनीमून पैकेज गिफ्ट देने वाली शरीक की आंटी मिलती हैं और उनको बैग थमाकर कतर में किसी को देने के लिए कहती हैं. जब दंपति ने पूछा कि इस बैग में क्या है तो शरीक की आंटी ने कहा कि इसमें 'मानिकचंद्र का जर्दा है'. हालांकि इस दौरान शरीक ने कई बार पूछा भी कि बैग में गोल्ड या कोई गलत चीज तो नहीं है. लेकिन आंटी तबस्सुम कहती हैं कि जर्दा है और कुछ नहीं.
इसके बाद दोनों आंटी से विदा लेते हैं और कतर के लिए निकल जाते हैं. जैसे ही वे कतर एयरपोर्ट पहुंचते हैं तो वहां उन्हें रोक लिया जाता है. एयरपोर्ट पुलिस उनके सामान की तलाशी लेती है. इसी दौरान आंटी के दिए हुए बैग से पुलिस को करीब 4 किलो से ज्यादा चरस (Drugs) बरामद होती है. यह देख दंपति अपने होश खो बैठता है और वो कतर पुलिस को समझाने की कोशिश करते हैं कि ये बैग उनकी आंटी का है. लेकिन पुलिस उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए गिरफ्तार कर लेती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इसके बाद कतर पुलिस दंपत्ति के घर वालों को फोन करके पूरी बात बताती है. जिसके बाद परिजन हनीमून पैकेज बुक करने वाली और बैग देने वाली शरीक की आंटी से मिलने जाते हैं. जहां वो सभी के सामने कबूलती है कि वो 'ड्रग सिंडिकेट' का हिस्सा है और उनकी मदद करने से इनकार कर देती है. वहीं दंपति की गवाही का कोई पुख्ता सबूत ना होने के कारण कतर अदालत बेगुनाह पति-पत्नी को 10 साल की सजा सुना देती है.
घरवाले मुंबई पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं तो मुंबई पुलिस आंटी तबस्सुम के एक साथी को गिरफ्तार कर मामले को रफा-दफा कर देती है. परिवार वालों ने बताया कि दोहा जेल में बंद उनकी बेटी ने एक बच्ची को भी जन्म दिया है. जिसके बाद से ही वे जल्द से जल्द उन्हें वापस भारत लाने में जुटे हुए हैं. इसी बीच घर वालों को शरीक का एक मोबाइल मिलता है जो वो छोड़कर गया था उसमें तबस्सुम और उसकी रिकॉर्डिंग होती है जिसमें वो बैग ले जाने को लेकर सवाल करता है और आंटी उसे बेवकूफ बनाकर फंसाती हैं.
इस पर एनसीबी डायरेक्टर राकेश अस्थाना को शिकायत दी गई. जिस पर वो एक मुकदमा दर्ज कर एक टीम बनाते है. इसे केपीएस मल्होत्रा लीड कर रहे हैं. नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की कोशिश है कि इन बेगुनाहों को कतर से भारत लाया जाए और असली गुनहगारों को वहां जेल में भेजा जाए. इसके लिए कतर दूतावास (Qatar Embassy) के साथ तमाम कानूनी मदद एनसीबी ले रही है.
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