Murder of Shibli Sadiq Hridoy: दुश्मनी सब कुछ जलाकर खाक कर देती है. बदले की आग में एक गरीब घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया. अपनी ईमानदारी की कीमत एक 20 साल के लड़के को अपनी जान देकर चुकानी होगी ये उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा.
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Shibly Sadik Hridoy Bangladesh Crime News: अपराध की दुनिया से आई ये कहानी है बांग्लादेश के उस नौजवान की जिसे उसके दोस्तों ने पहले तो जलन और दुश्मनी की वजह से अगवा किया. उसके परिवार से फिरौती मांगी. फिरौती मिलने के बाद भी उसे रिहा नहीं किया, बल्कि मार डाला. इसके बाद हत्यारों ने उसकी लाश को पहाड़ी पर जाकर फेंक दिया. जरायम की दुनिया की इस कहानी को जिसने भी पढ़ा उसकी रूह कांप गई. आखिर क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं.
ये कहानी है बांग्लादेश के चित्तगोंग (Chiyyagong) में रहने वाले शिबली सादिक रिदोय की जो एक बेहद गरीब परिवार से तालुक रखता था. उसके घर में आम लोगों की तरह पैसों की काफी किल्लत थी. लेकिन अपनी लाइफ को लेकर शिबली के सपने बड़े थे. जिन्हें पूरा करने के लिए वो दिन रात मेहनत कर रहा था. इसलिए वो पढ़ाई के साथ-साथ एक पोलट्री फॉर्म में काम करता था. ताकि घरवालों की रुपये पैसे से मदद करके हाथ बटा सके.
शिबली की दर्दनाक कहानी
शिबली एक सेंसिटिव लड़का था. वो काम के प्रति मानदार था. ईमानदारी ही उसकी मौत की वजह बन गई. जिस पोलट्री फॉर्म में वो बतौर मैनेजर काम करता था वहां अल्पसंख्यक समुदाय के 6 लोग काम करते थे वो लापरवाह थे. शिबली 20 साल का था. तो बाकी 24 से 25 साल के बीच के थे. उन्हें ये चीज बुरी लगती थी कि शिबली मैनेजर है और उम्र में छोटा होने के बाबजूद उन पर हुक्म चलाता है, डांटता है. उनके दिमाग में अपराध की दस्तक हो चुकी थी. इसके बावजूद शिबली ने उनसे दोस्ती करते हुए उन्हें सही राह पर लाने की कोशिश की. लेकिन नाकाम रहा और आखिरकार उन्हें सुधारने के चक्कर में अपनी जान से हाथ धो बैठा.
उसके साथी कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं थे इसलिए तकरार बढ़ रही थी. जब वो हरकतों से बाज नहीं आए तो शिबली ने उन्हें टोकना शुरू कर दिया. जिससे तिलमिलाए लोग 28 अगस्त 2023 को उसे पोल्ट्री फार्म से ही अगवा कर लिया.
फिरौती के लिए किया फोन, पैसे मिले... लेकिन फिर भी मार डाला
उमोंगचिंग नाम के कर्मचारी से शिबली का झगड़ा हुआ था. उसने साजिश रची थी. किडनैपिंग के बाद शिबली ने किसी तरह अपनी मां नाहिद को फोन किया और बताया कि उसका किडनैप हो गया है. इससे पहले कि नाहिद, अपने जिगर के टुकड़े से कुछ पूछ पाती, फोन कट गया. फिर तो हड़कंप मच गया. लोग शिबली को ढूंढने लगे, तभी उन्हें शिबली के नंबर से एक कॉल आया. वो कॉल किडनैपर्स का था. उन्होंने शिबली की मां से कहा कि अगर अपने बेटे की सलामती चाहते तो हमें 15 लाख टका (बांग्लादेशी करंसी) दो. फिर उन्हें उनकी हैसियत का पता चला तब फिरौती की रकम 2 लाख टका कर दी.
घर वालों ने जैसे तैसे ये रकम 4 सितंबर को आरोपियों तक पहुंचाई. जहां शिबली के पिता को बंदरबान जिला हैडक्वार्टर के पास बुलाया गया था. जब पिता ने पूछा कि बेटा कहां है? तब किडनैपर्स ने कहा घर जाओ, शिबली अपने आप घर पहुंच जाएगा.
ये सच जानकर कांप जाएगी रूह
तीन दिन तक जब बेटा घर नहीं लौटा तो पिता ने पुलिस स्टेशन में FIR कराई. पुलिस ने जांच की और पोल्ट्री फार्म के 6 वर्कर्स को पकड़ लिया. इनमें उमोंगचिंग मर्मा, सुईचिंगमुंग मर्मा, अंगथुईमुंग मर्मा और उक्याथवाई मर्मा नामजद आरोपी थे. बाकी 2 अज्ञात थे. पुलिस पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे लोग सिर्फ शिबली से बदला लेना चाहते थे पर भेद खुल न जाए इसलिए उसे मार डाला. पुलिस ने पूछा लाश कहां है? तब उन्होंने बताया कि पास की पहाड़ी में उन्होंने लाश को फेंक दिया है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य आरोपी उमोंगचिंग ने ये खुलासा करके सनसनी फैला दी कि उन्होंने लाश के मांस को पकाकर खा लिया और कंकाल पहाड़ी पर फेंक दिया.
भीड़ ने हाथ में लिया कानून फिर हुआ ये
11 सितंबर को पुलिस क्राइम सीन पर पहुंची तो वहां एक कंकाल मिला. कंकाल देख माता-पिता रोने लगे. आरोपियों को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा चरम पर था. इसलिए जब पुलिस मुख्य आरोपी उमोंगचिंग मर्मा को लेकर थाने जाने लगी तभी रास्ते में लोगों ने उसे पकड़ कर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. बाकी आरोपियों को जैसे तैसे पुलिस वहां से ले गई. मामले की जांच अभी जारी है. लेकिन इस केस के बारे में जानकर लोगों की रूह कांप गई.