Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में लोगों से पटाखे ना चलाने की और कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है आतिशबाजी का नहीं. उनका यह बयान दिल्ली प्रदूषण को लेकर आया था, हालांकि कुछ यूजर्स ने उन्हें घेर लिया और उनकी रिहाई के दिनों की याद दिलाने लगे.
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Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्लीवासियों से दिवाली पर पटाखे न जलाने और दीये जलाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है पटाखों का नहीं. अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी कह चुके हैं कि प्रदूषण को देखते हुए हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए, हमें दीये जलाने चाहिए. यह रोशनी का त्योहार है, आतिशबाजी का नहीं. ऐसा नहीं है कि हम किसी पर एहसान कर रहे हैं. जो भी प्रदूषण होगा, उससे हमारे बच्चे पीड़ित होंगे, इसलिए इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम नहीं है. सभी की जान महत्वपूर्ण है.'
अरविंद केजरीवाल का यह बयान राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच आया है. पिछले कई दिनों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पटाखे फोड़ने समेत कई कदम उठाने पड़े हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल की इस अपील को लेकर उन्हीं पर हमलावर हो गए हैं. उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि आपने ही वादा किया था कि मैं दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की कसम खाता हूं. लेकिन कुछ भी नहीं किया और दिवाली पर पटाखों से मना कर रहे हैं. इतना ही नहीं एक यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि जब आप जेल से बाहर आए थे तो तब पटाखे क्यों चलाए गए थे.
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इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगे प्रतिबंध के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था. प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से, मंत्री गोपाल राय ने 14 अक्टूबर को शहर में 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और उपयोग पर रोक लगाने की घोषणा की थी. गोपाल राय द्वारा उपराज्यपाल सक्सेना को लिखे पत्र में कहा गया है,'मेरे संज्ञान में लाया गया है कि प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के विभिन्न बाजारों में पटाखे खुलेआम बेचे जा रहे हैं. ये पटाखे दिल्ली को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली विभिन्न सीमाओं के माध्यम से लाए जा रहे हैं.' खत में आगे लिखा गया है, 'इसका मकसद यह है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के रूप में दिल्ली पुलिस ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया है और दुकानदार खुलेआम प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं.'
आपको बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की एक पतली परत छाई रही और दिल्ली के कुछ हिस्सों में एयर क्वॉलिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार सुबह 7:00 बजे एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से ज्यादा दर्ज किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार में सुबह 7:00 बजे एक्यूआई 317 पर पहुंच गया, जबकि आया नगर में 312 दर्ज किया गया, दोनों 'बहुत खराब' श्रेणी में आते हैं. जहांगीरपुरी में भी उच्च एक्यूआई 308 देखा गया.
इसके उलट चांदनी चौक में वायु गुणवत्ता बेहतर थी, जो 191 दर्ज की गई, जिसे 'मध्यम' माना जाता है. इस बीच दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सोमवार को बताया कि पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं दर्ज की गईं. उन्होंने कपूरथला हाउस में वायु प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपने के लिए पंजाब के सीएम से मिलने की मांग की, लेकिन वे उनसे नहीं मिल पाए.