पढ़ाई के प्रति हरीश की ललक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. जिसके बाद क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करके हरीश की मदद की इच्छा जताई है.
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बाड़मेर: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते पूरे देश में स्कूल-कॉलेज पिछले 5 महीने से बंद हैं. कई स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करवाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन कहीं मोबाइल फोन की कमी तो कहीं बिजली और सिग्नल की समस्या बच्चों के लिए परेशानी बनी हुई है. राजस्थान का सीमावर्ती बाड़मेर जिला भी इस समस्या से अछूता नहीं है. यहां के सुदूर ग्रामीण इलाकों में मोबाइल के नेटवर्क गुम होना बच्चों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है.
लेकिन सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले हरीश ने इस समस्या का तोड़ निकाल लिया है. वो अपनी कुर्सी-टेबल और किताबें लेकर रोज सुबह 2 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर जाता है. वहां पर जाकर उसके मोबाइल में सिग्नल आ जाते हैं. जिसके बाद वो वहीं बैठकर 3 घंटे तक पढ़ाई करता है. पढ़ाई के प्रति हरीश की ललक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. जिसके बाद पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करके हरीश की मदद की इच्छा जताई है.
Ayoung boy called Harish from Barmer in Rajasthan climbs a mountain every day in order to get internet access so that he can attend online classes. He climbs at 8 am and returns home at 2pm after the class ends. Admire his dedication and would want to help him. pic.twitter.com/iZ8WlBBgSP
— Virender Sehwag (@virendersehwag) July 24, 2020
बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर दरुड़ा गांव के रहने वाला हरीश कुमार पचपदरा के जवाहर नवोदय विद्यालय में सातवीं कक्षा का विद्यार्थी है. कोविड-19 के चलते उसका स्कूल भी पिछले 5 महीने से बंद है.
जिसके बाद डेढ़ महीना पहले उसके स्कूल की ओर से ऑनलाइन क्लास शुरू की गई. हरीश के मुताबिक ये क्लास शुरू होने के बाद जब उसने इंटरनेट ऑन किया तो कनेक्टिविटी गायब मिली. इसके बाद सिग्नल ढूंढते हुए वो 2 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर पहुंच गया.
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वहां पहुंचते ही उसके मोबाइल फोन में इंटरनेट चालू हो गया. इसके बाद हरीश ने तय किया कि अब वो रोज सुबह उठकर यहीं पर आएगा और ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करेगा.
उसके बाद से हरीश रोजाना सुबह जल्दी उठकर अपनी टेबल-कुर्सी लेकर पहाड़ी पर जाता है और वहां गर्मी-उमस के बीच ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ता है. हरीश के मुताबिक वो रोज सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक पहाड़ी पर पढ़ाई करता है.
हरीश के पिता वीरमदेव कहते हैं कि बात केवल हरीश की नहीं है. यहां पर मोबाइल नेटवर्क ना होने की वजह से हजारों बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से महरूम हैं. सरकार को तुरंत इस इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने का इंतजाम करना चाहिए. जिससे यहां रहने वाले हजारों बच्चों बच्चों को भी ऑनलाइन शिक्षा मिल सके.