बुलंद हौसलों से नेत्रहीन हरलीन ने जीता जहान, CBSE Board में हासिल किए 96.6% अंक
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बुलंद हौसलों से नेत्रहीन हरलीन ने जीता जहान, CBSE Board में हासिल किए 96.6% अंक

मोहाली जिले में रहने वाली हरलीन कौर को आंखों से बिलकुल भी दिखाई नहीं देता मगर हाल ही में सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की बाहरवीं की परीक्षा में हरलीन ने 96.6 प्रतिशत अंक हासिल करके सभी को चौंका दिया. ब्रेल लिपि में पढ़ाई कर रही हरलीन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 26 ब्लाइंड स्कूल से पढ़ाई पूरी की है.

बुलंद हौसलों से नेत्रहीन हरलीन ने जीता जहान, CBSE Board में हासिल किए 96.6% अंक

नई दिल्ली: मोहाली जिले में रहने वाली हरलीन कौर को आंखों से बिलकुल भी दिखाई नहीं देता मगर हाल ही में सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) की बाहरवीं की परीक्षा में हरलीन ने 96.6 प्रतिशत अंक हासिल करके सभी को चौंका दिया. ब्रेल लिपि में पढ़ाई कर रही हरलीन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 26 ब्लाइंड स्कूल से पढ़ाई पूरी की है. हरलीन की आवाज भी काफी सुरीली है. वह जज बन कर अपने दादा जी का सपना पूरा करना चाहती है. फिलहाल कोरोना काल में पढ़ाई बंद होने की वजह से हरलीन किचन में कुकिंग भी सीख रही है. 

  1. चंडीगढ़ की हरलीन कौर ने मारी बाजी
  2. हरलीन ने CBSE Board में हासिल किए इतने अंक
  3. हरलीन करना चाहती है अपने दादा का सपना पूरा

हरलीन चंडीगढ़ सेक्टर 26 के ब्लाइंड स्कूल (Blind School) में  ब्रेल लिपि में शिक्षा हासिल कर रही है. इस सफलता ने हरलीन के कदम चूमे तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh), केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल (harsimrat kaur badal) वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया जैसे पंजाब के बड़े नेताओं ने हरलीन को फोन कर शुभकामनाएं दी.

हरलीन ने बताया कि जबसे उसने होश संभाला तो वह जानकर हताश नहीं हुई कि उसको आंखों से कुछ भी दिखाई नहीं देता बल्कि हरलीन ने कुछ करने की ठानी. शुरुआत में कुछ रुकावटें तो जरूर आई मगर धीरे- धीरे हरलीन का हौसला और माता पिता की प्रेरणा रास्ते की हर बाधा को दूर करता गया. 
        
पढ़ाई के इलावा हरलीन को गाने (Singing) का शौक भी है. अमृतसर (Amritsar) में कुछ समय पहले स्कूल की तरफ से एक कार्यक्रम में भाग लेने स्कूल टीम के साथ गई हरलीन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. इस अवसर पर उनको पद्मश्री से नवाजे गए भाई निर्मल सिंह खालसा के हाथों से सम्मानित होने का अवसर मिला. जबकि दिल्ली में  कम्प्यूटर पर आधारित विषय पर हुई एक प्रतियोगिता में हरलीन एक लैपटॉप (Laptop) भी जीत चुकी हैं. 

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हरलीन के मुताबिक उसके दादा अमरीक सिंह का सपना था कि वह पढ़ लिख कर जज बने. वह दादा का सपना पूरा करने की राह पर निष्ठा के साथ बढ़ भी रही हैं. अब कोरोना की वजह से हरलीन की पढ़ाई बंद है लिहाजा हरलीन इस समय खाना बनाना सीख रही हैं. हरलीन के पिता किसान और माता गृहणी हैं. हरलीन पर पूरे परिवार को गर्व है और परिवार को उम्मीद है कि  एक दिन वह अपने मकसद में जरूर कामयाब होगी. 

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