नेशनल मेडिकल कमीशन की मानें तो अभी इस इस नियम को सिर्फ फर्स्ट ईयर में ही लागू किया गया है. वहीं, इस नियम के लागू होने पर मेडिकल एजुकेशन से जुड़े एक्सपर्ट इसके कई तरह के फायदे और नुकसान भी बता रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे.
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नई दिल्ली. देशभर के मेडिकल कॉलेजों में MBBS में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल स्टडीज यूजी स्ट्रीम में बड़ा बदलाव किया है. इसके मुताबिक अब फर्स्ट ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को सेकंड ईयर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ऐसे में सप्लीमेंट आने वाले छात्रों को दोबारा पहले वर्ष में पढ़ाई करनी पड़ेगी. इससे पहले सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को दूसरे वर्ष में प्रमोट कर दिया जाता था और वे सप्लीमेंट्री एग्जाम देकर सेकंड ईयर में प्रवेश कर जाते थे.
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नेशनल मेडिकल कमीशन की मानें तो अभी इस इस नियम को सिर्फ फर्स्ट ईयर में ही लागू किया गया है. वहीं, इस नियम के लागू होने पर मेडिकल एजुकेशन से जुड़े एक्सपर्ट इसके कई तरह के फायदे और नुकसान भी बता रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे.
वहीं, नुकसान यह होगा कि अगर कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी सप्लीमेंट्री एग्जाम देरी से करवाती है और रिजल्ट आने में देरी होती है तो सेकंड ईयर की पढ़ाई का नुकसान होगा. क्योंकि सेकंड ईयर की क्लासेज पहले ही शुरू हो जाती हैं. नए नियम के मुताबिक सेकंड ईयर व थर्ड ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को प्रमोट किए जाने का नियम पहले की ही तरह लागू रहेगा.
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