One Day Capital Of India: देश में एक दिन के लिए घटी एक ऐसी घटना जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. नई दिल्ली को अंग्रेजों ने देश की राजधानी बनाया था, लेकिन एक जिला ऐसा है, जिसे एक दिन के लिए राजधानी बनाया था.
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One Day Capital Of India: भारत का इतिहास बहुत गौरवपूर्ण रहा है तो बहुत सी घटनाएं झकझोर के रख देती है. भारत में मुगलों और फिर अंग्रेजों ने बहुत कुछ बदलाव किए. ऐसे ही भारतीय इतिहास में देश की राजधानी कई बार बदली और अलग-अलग शहरों को देश की राजधानी बनने का गौरव मिला.
पाटलीपुत्र, कोलकाता, शिमला और धर्मशाला को भारत की राजधानी बनने का गौरव प्राप्त है. ज्यादातर लोग इन सभी राजधानियों से परिचित होंगे, लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश के इतिहास में ऐसा भी हुआ था, जब किसी जिले को महज एक दिन के लिए राजधानी बनाया गया था.
इसे जिले को बनाया था सिर्फ एक दिन के लिए राजधानी
भारतीय इतिहास का एक बहुत प्राचीन शहर है, जिसे साल 1858 में एक दिन के लिए देश की राजधानी बना था, लेकिन यह घटना हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. यह वर्तमान में उत्तर प्रदेश उस समय उत्तर-पश्चिम प्रांत का प्रयागराज शहर है, जिसे पहले इलाहाबाद नाम से जाना जाता था. बता दें कि उत्तर-पश्चिम प्रांत बाद में संयुक्त प्रांत बना था, जिसे United Provinces के नाम से जानते हैं. साल 1950 में यह उत्तर प्रदेश हो गया था.
एक दिन के लिए राजधानी बनाने की ये थी वजह
दरअसल, ईस्ट इंडिया कंपनी ने जब ब्रिटिश राजशाही को देश का प्रशासन सौंपा गया तो इलाहाबाद को एक दिन के लिए कैपिटल के रूप में घोषित किया गया था. इस दौरान अंग्रेजों द्वारा इलाहबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना और हाईकोर्ट का निर्माण हउा था. ब्रिटिश सैनिक यमुना नदी के किनारे बने बादशाह अकबर के किले में रहते थे.
इस दिन दिल्ली को राजधानी किया घोषित
पहले भारत कई राज्यों में बंटा हुआ था और प्रत्येक की अपनी राजधानी हुआ करती थी. हर क्षेत्र के व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र विकसित थे. 12 दिसंबर 1911 को ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने का ऐलान किया.