मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी ने भी एक सर्कुलर भेजा है ताकि स्कूल खुलने पर अभिभावकों से उनकी राय जान सकें कि वो स्कूलों से क्या चाहते हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट काल के बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को सर्कुलर भेज कर अभिभावकों से फीडबैक लेने को कहा है कि स्कूलों को कब खोलना चाहिए और उनकी राय में क्या ये सुविधाजनक होगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी ने भी एक सर्कुलर भेजा है ताकि स्कूल खुलने पर अभिभावकों से उनकी राय जान सकें कि वो स्कूलों से क्या चाहते हैं. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों से इस मुद्दे पर 20 जुलाई तक अपना जवाब भेजने को कहा है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सर्कुलर में स्कूली बच्चों के अभिभावकों से इन मुख्य बिंदुओं पर फीडबैक लेना को कहा गया है-
1. वो समय क्या हो सकता है जब उनके मुताबिक स्कूलों को खोलना सुविधाजनक होगा- अगस्त/ सितम्बर/अक्टूबर 2020
2. अभिभावकों की स्कूलों से क्या अपेक्षाएं हैं, जब भी वो खुलेंगे.
3. इस विषय में और कोई फैडबैक, सलाह या टिप्पणी.
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दरअसल देश भर के सारे स्कूल 24 मार्च से ही बंद हैं, जब कोरोना महामारी से निपटने के लिए पीएम मोदी ने देशभर में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया था. कोरोना वायरस संकट के चलते पैदा हुई इस असाधारण स्थिति के चलते मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 9 से 12वीं क्लास का सिलेबस भी 30 फीसदी तक कम करना पड़ा. अपने निर्णय को सही ठहराते हुए मंत्रालय ने कहा कि बच्चों पर भार कम करने के लिए कोर्स को पुर्नगठित किया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस दौरान स्कूलों से कोरोना महामारी संकट के दौरान क्लासरूम टीचिंग के बजाय ऑनलाइन टीचिंग अपनाने के लिए भी कहता रहा है. पिछले हफ्ते भी मंत्रालय ने स्कूलों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की गाइडलाइंस जारी की थीं और सुझाव दिया था कि स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेज की संख्या और अवधि की सीमा भी तय करनी चाहिए.
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