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नई दिल्ली: उत्तराखंड में गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में हुई काउंसिल की बैठक में दस कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है. सत्र 2023-24 से ही विश्वविद्यायल इन सभी 10 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर देगा. ये कॉलेज 1 जुलाई 2012 से 30 जून 2023 तक विश्वविद्यालय से जुडे़ हुए थे.
ग्रेजुएशन पीजी में नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश की तैयारियों के बीच हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने 10 निजी डिग्री कॉलेजों की मान्यता इस सत्र से रद्द कर दी है. यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार को भेज दी गई है.
पुराने छात्र विश्वविद्यालय का हिस्सा बने रहेंगे. लंबे समय से इन गैर सरकारी डिग्री कॉलेजों को गढ़वाल विश्वविद्यालय से असंबद्ध करने की कवायद चल रही थी. हाल ही में राज्य सरकार ने यह कहते हुए वेतन देने से इनकार कर दिया था कि वे केंद्रीय विश्वविद्यालय के कॉलेजों को अनुदान क्यों दें?
इस बीच बीजेपी नेता रविंद्र जुगरान ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से फैसला लेने को कहा था. दोनों ने इस मुद्दे पर चर्चा की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गढ़वाल विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजकर पूछा कि इन कॉलेजों को कब निरस्त किया जा सकता है. मामले में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में हुई काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके मिनट्स विश्वविद्यालय ने जारी कर दिए हैं.
कार्यकारी परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने सभी संबद्धित और असंबद्धित कॉलेजों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा. इन 10 कॉलेजों में पहले से पढ़ रहे छात्र विवि से ही परीक्षा देकर डिग्री हासिल करेंगे. गढ़वाल विश्वविद्यालय में प्रथम सेमेस्टर का प्रवेश मान्य नहीं होगा.
ये रही असंबद्धित किये जाने वाले कॉलेजों की लिस्ट:-
1. डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून
2. डीबीएस पीजी कॉलेज, देहरादून
3. एसजीआरआर पीजी कॉलेज, देहरादून
4. एमकेपी पीजी कॉलेज, देहरादून
5. डीडब्ल्यूटी कॉलेज, देहरादून
6. एमपीजी पीजी कॉलेज, मसूरी
7. महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज, सतीकुंड, कनखल, हरिद्वार
8. चिन्मय डिग्री कॉलेज, बीएचईएल, रानीपुर, हरिद्वार
9. बीएसएम कॉलेज, रूड़की, हरिद्वार
10. राठ महाविद्यालय, पैठाणी, पौडी
गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने कहा, अब सवाल उठ रहा है कि गढ़वाल विवि से नाता तोड़ने के बाद ये 10 अनुदानित कॉलेज कहां जाएंगे. नए सत्र के लिए दाखिले सिर पर हैं. कॉलेजों को यह भी पता नहीं है कि किस यूनिवर्सिटी में उन्हें दाखिला मिलेगा. वर्तमान में उनके पास श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्धित एकमात्र विकल्प है. मामला काफी समय से चल रहा था. राज्य और केंद्र सरकार के बीच बातचीत के बाद केंद्र से इस पर निर्णय पत्र मिल गया है. पूरा मामला कार्यकारी परिषद में उठाया गया, जिसने कॉलेजों को इसी सत्र से असंबद्धित करने का निर्णय लिया.