Mahatma Gandhi Photo on Indian Currency: हममें से बहुत से, विशेष रूप से साल 2000 के बाद के पैदा हुए लोग केवल भारतीय करंसी के नोटों पर महात्मा गांधी के चित्र को देखकर ही बड़े हुए हैं. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर महात्मा गांधी की फोटो, जो भारतीय नोटों पर छपी हुई है, वो दरअसल कहां से ली गई है? इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि आखिर नोट पर महात्मा गांधी की फोटो के छपने से पहले भारतीय नोटों पर किसकी फोटो छपा करती थी? अगर आप इसका जवाब नहीं जानते, तो आइये आज हम आपको इन दोनों रहस्यों का जवाब देते हैं.
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1996 में 10 रुपये और 100 रुपये के नोटों के साथ गांधी जी वाले नोटों की सीरीज की शुरुआत की थी. हालांकि, यह पहली बार नहीं था कि महात्मा गांधी की फोटो बैंक नोट पर दिखाई दी हो.
1969 में RBI ने महात्मा की सौवीं जयंती के उपलक्ष में उनकी फोटो के साथ 1 रुपये का नोट जारी किया था. वहीं,18 साल बाद 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर वाले 500 रुपये के नोट फिर से चलन में आए थे. इसके बाद साल 1996 में महात्मा गांधी सीरीज को नोट पेश किए गए, जिन्हें तब के सभी नोटों से बदल दिया गया.
वहीं बता दें कि भारतीय नोटों पर छापी गई महात्मा गांधी की फोटो कोई कैरिकेचर नहीं है. यह फोटो 1946 में तत्कालीन वायसराय के आवास, राष्ट्रपति भवन के बाहर ली गई एक आम तस्वीर से काटी गई है.
वहीं, बता दें कि स्वतंत्रता से पहले भारतीय नोटों पर किंग जॉर्ज VI की फोटो छापी जाती थी. इनकी फोटो 1938 से लेकर अगले 11 वर्षों तक भारतीय करंसी के नोटों पर छपती थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद, आरबीआई ने जॉर्ज VI के चित्र को बदलने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ नए नोटों को डिजाइन किया.
भारतीय बैंक नोट की महात्मा गांधी सीरीज से पहले, अशोक पिलर अधिकांश बैंक नोटों पर छापे जाते थे. इसके अलावा कुछ अन्य चित्र, जो अलग-अलग मूल्य के नोटों में इस्तेमाल किए गए थे, उनमें से ओडिशा का कोणार्क मंदिर था, जो 20 रुपये के नोट पर छापा जाता था, बृहदेश्वर मंदिर को 1,000 रुपये और गेटवे ऑफ इंडिया के चित्र को 5,000 रुपये के नोट पर छापा जाता था.
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