Intelligent Students के कम नंबर आने की ये हो सकती हैं वजह, उनमें भी हो जाती है विल पावर की कमी, ऐसे करें दूर
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Intelligent Students के कम नंबर आने की ये हो सकती हैं वजह, उनमें भी हो जाती है विल पावर की कमी, ऐसे करें दूर

Student Life Hacks: अगर आपका बच्चा बहुत इंटेलिजेंट हैं यानी कि ज्यादा मार्क्स लेकर आता हैं, लेकिन अचानक उसकी परफॉरमेंस खराब होनी लगती है. किसी होशियार स्टूडेंट के एग्जाम में कम मार्क्स आने की गई वजह हो सकती हैं. 

 Intelligent Students के कम नंबर आने की ये हो सकती हैं वजह, उनमें भी हो जाती है विल पावर की कमी, ऐसे करें दूर

Exam Preparation: हमारे देश में कोई बच्चा तभी इंटेलिजेंट कहलाता है, जब वह ज्यादा मार्क्स लाता और कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स (Competitive Exams) क्रैक करता है. अधिकतर लोग इंटेलिजेंट होने का केवल यही एक मतलब समझते हैं. हालांकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इंटेलिजेंट स्टूडेंट के एग्जाम में कम मार्क्स आने की गई वजह हो सकती हैं. आइए जानते हैं इंटेलिजेंस कितने तरह की होती हैं और एक नजर डालते हैं कम नंबर लाने के  कुछ महत्वपूर्ण कारणों पर...

इंटेलिजेंस कई तरह की होती हैं,  जिनमें से कई इंटेलिजेंस तो पूरे स्कूलिंग के दौरान टेस्ट भी नहीं की जाती.
वास्तव में इंटेलिजेंस 9 प्रकार ही होती है- 
वर्बल और लिंगुइस्टिक इंटेलिजेंस
मेथेमेटिकल-लॉजिकल इंटेलिजेंस
म्यूजिकल इंटेलिजेंस
विजुअल-स्पेशिअल इंटेलिजेंस
बॉडीली-कएनेस्थेटिक इंटेलिजेंस
इन्टर-पर्सनल इंटेलिजेंस
इंट्रा-पर्सनल इंटेलिजेंस
नेच्युरलिस्ट इंटेलिजेंस
एक्सिस्टेंशियल इंटेलिजेंस

बच्चों के खराब मार्क्स आने की ये हो सकती हैं वजह
इच्छाशक्ति का कमी

इंटेलिजेंस होना ही सब कुछ नहीं है, इंटेलिजेंस को अच्छे नंबर्स स्कोर करने के लिए यूज करने की इच्छा होनी भी जरूरी है. यह भी हो सकता है कि स्टूडेंट को कुछ और करना हो और वह टेस्ट स्कोर्स को इतना इम्पोर्टेंस नहीं देता हो. ऐसे में मार्क्स लाने के फायदे बताकर स्टूडेंट में इसके लिए इच्छाशक्ति जगानी पड़ती है. 

मोटिवेशन का कमी 
इंटेलिजेंट स्टूडेंट चीजों से जल्दी बोर हो जाते हैं. इसका कारण यह है कि कोई चीज एक वक्त के बाद उन्हें मेंटल स्टिमुलेशन देना बंद कर देती है. ऐसे में स्टूडेंट के पास ज्दादा नंबर लाने का मोटिवेशन नहीं रहता. इसके लिए बच्चे को समय-समय पर घूमने, फिल्म देखने, पिकनिक के लिए लेकर जाएं. 

कंसिस्टेंसी 
एकेडमिक परफॉरमेंस अच्छी होने के लिए किसी स्टूडेंट का एक हफ्ते में न्यूनतम 40 घंटे (स्कूल में बिताए हुए घंटे भी शामिल हैं) पढ़ना जरूरी है. अगर किसी वजह से स्टूडेंट नियमित स्कूल नहीं जा पाता हो, तो यह भी एक वजह हो सकती है मार्क्स कम आने की. ऐसे में बच्चों को ज्यादा छुट्टी नहीं लेने देनी चाहिए. 

ओवर कॉन्फिडेंस
जब इंटेलिजेंट बच्चे ये सोचने लगे कि ‘मैं कभी फेल नहीं हो सकता/सकती’, ‘मुझे नोट्स लेने की जरूरत नहीं है और मेहनत नहीं करते, तब वे कम मार्क्स लाते हैं. एक बार असफल होने से स्टूडेंट्स की यह सोच ठीक हो सकती है. 

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