यह गांव गुजरात राज्य के कच्छ जिले में है और इसका नाम माधापर है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गांव के आधे से ज्यादा लोग लंदन में रहते हैं. 1968 में लंदन में माधापर विलेज एसोसिएशन नामक संगठन बना. साथ ही गांव का एक कार्यालय भी खोला गया, ताकि ब्रिटेन में रहने वाले सभी माधापर गांव के लोग एक दूसरे से किसी न किसी सामाजिक कार्यक्रम के बहाने मिलते रहें.
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नई दिल्ली. भारत में एक ऐसा गांव है, जो दुनिया का सबसे महंगा गांव है. इस गांव में 7600 घर हैं. यह गांव बैंकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं, क्योंकि इस गांव में 02-04 नहीं बल्कि 17 बैंक हैं. इन बैंको में गांव वालों की मोटी रकम भी जमा है. यहां के अधिकतर लोग विदेशों में रहते हैं. गांव की समृद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं. तो आइए बताते हैं कि इस गांव का नाम क्या है?
लंदन में है यहां के लोगों की धाक
यह गांव गुजरात राज्य के कच्छ जिले में है और इसका नाम माधापर है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गांव के आधे से ज्यादा लोग लंदन में रहते हैं. 1968 में लंदन में माधापर विलेज एसोसिएशन नामक संगठन बना. साथ ही गांव का एक कार्यालय भी खोला गया, ताकि ब्रिटेन में रहने वाले सभी माधापर गांव के लोग एक दूसरे से किसी न किसी सामाजिक कार्यक्रम के बहाने मिलते रहें.
ठीक इसी तरह गांव में भी एक ऑफिस खोला गया ताकि वह लंदन से डायरेक्ट कनेक्ट रह सके. जानकारी के मुताबिक इस गांव में जो 17 बैंक हैं, वो सभी जाने-माने बैंकों की ब्रांचेज हैं. इनमें 5000 करोड़ रुपए जमा है.आमतौर पर यहां के लोग भारत के दूसरे शहरों में जाने की तुलना में लंदन, कनाडा, अमेरिका, केन्या, यूगांडा, मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया केन्या चले गए और वहीं बस गए.
विदेश गए लेकिन गांव को नहीं भूले
माधापर के लोगों की सबसे बड़ी बात ये भी है कि लोग तो इस गांव से बाहर गए लेकिन गांव को हमेशा पकड़े रखा. गांव से उनका संपर्क हमेशा बना रहा. मधापर गांव के लोग विदेश से पैसा कमा कर गांव में जमा करते हैं.
गांव में प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज तक की होती है पढ़ाई
इस गांव में प्ले स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज की पढ़ाई हिंदी और इंग्लिश दोनों माध्यमों में होती है. गांव के लोगों सभी सामान एक जगह पर मिल सके, इसके लिए गांव में ही एक शॉपिंग मॉल बनवाया गया.
आधुनिक होने के बावजूद किसी ने नहीं बेचा खेत
इस गांव के लोग अब भी खेती-बाड़ी करते हैं, किसी ने अपना खेत नहीं बेचा. गांव में अत्याधुनिक गौशाला भी है. साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक हेल्थ सेंटर भी है. गांव के पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपए डिपॉजिट है.
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