BJP के प्लान 'B' फॉर्मूले पर शिवसेना का जवाब- 'यहां किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं'
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BJP के प्लान 'B' फॉर्मूले पर शिवसेना का जवाब- 'यहां किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं'

शिवसेना (Shiv Sena) के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay raut) ने कहा, 'हमारे पास विकल्प हैं. लेकिन विकल्प का इस्तेमाल कर पाप नहीं करना चाहते हैं. शिवसेना (Shiv Sena) सत्ता की भूखी नहीं है. इस प्रकार की राजनीति से शिवसेना (Shiv Sena) ने हमेशा से अपने को दूर रखा है.' 

शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी को गठबंधन धर्म याद दिलाया है.

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीति के अजब-गजब रंग दिख रहे हैं. विधानसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी+शिवसेना (Shiv Sena) को बहुमत देकर सरकार बनाने का मौका दिया है, लेकिन दोनों पार्टियां आपस में ही उलझी हुई हैं. शिवसेना (Shiv Sena) ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ी है, वहीं बीजेपी इस पर समझौता करने के लिए कतई तैयार नहीं है. बीजेपी जहां शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक तोड़ने जैसी बातें कर रही है वहीं शिवसेना (Shiv Sena) भी दूसरे विकल्प आजमाने के दावे कर रही है. 

शिवसेना (Shiv Sena) के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay raut) ने कहा, 'हमारे पास विकल्प हैं. लेकिन विकल्प का इस्तेमाल कर पाप नहीं करना चाहते हैं. शिवसेना (Shiv Sena) सत्ता की भूखी नहीं है. इस प्रकार की राजनीति से शिवसेना (Shiv Sena) ने हमेशा से अपने को दूर रखा है.' राउत ने आगे कहा, 'यहां कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं. यहां हम हैं तो नीति, धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं. कांग्रेस कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी.'

शिवसेना (Shiv Sena) नेता ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति कितनी पेंचीदा हो चुकी है अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. सत्ता से हमको अगर दूर रखना चाहते हैं तो ये हमारा सम्मान है. कुछ ना कुछ निर्णय जल्द होगा. हम बाजार खोल कर नहीं बैठे हैं. हम बस देख रहे हैं लोग किस हद तक जा सकते हैं. हमारी इतनी ही मांग है जो पहले तय हुआ है उस पर आप चर्चा करें. जो एग्रीमेंट हुआ है, उसी पर आगे बात करेंगे.

संजय राउत (Sanjay raut) ने कहा कि अगर बीजेपी कोई प्लान ए, बी, सी आजमाती है तो उनकी मर्जी है. जेड तक चले जाएं, लेकिन डेमोक्रेसी में सबको अधिकार है. हम गठबंधन धर्म का पालन करना चाहते हैं. अगर वह नहीं करते हैं तो जनता जवाब देगी. विकल्प को स्वीकार करने की मजूबरी हम नहीं करना चाहते. लोकतंत्र का मर्डर सत्ता के लिए हम नहीं करते हैं.

शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक तोड़ने की बात कह रही है बीजेपी
ZEE मीडिया के चैनल 24तास के डिबेट शो में काकड़े ने दावा किया कि शिवसेना (Shiv Sena) के 56 में से 45 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, वे लोग फोन कर रहे हैं और सरकार बनाने का अनुरोध कर रहे हैं, वे कह रहे हैं कि बीजेपी उनका सपोर्ट ले. इसे बीजेपी के 'प्लान बी' के तहत प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है.

बीजेपी ने तय कर लिया है की शिवसेना (Shiv Sena) की शर्त के आगे नहीं झुकेगी. साथ ही शिवसेना (Shiv Sena) के सामने 31 अक्टूबर की समयसीमा तय कर दी है. इस समय सीमा के भीतर अगर शिवसेना (Shiv Sena) नहीं मानती है तो बीजेपी प्लान बी आजमाएगी. 

प्लान बी के तहत बीजेपी ने तय किया है की शिवसेना (Shiv Sena) के साथ या शिवसेना (Shiv Sena) के बिना राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. अपने साथ वह छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के समर्थन का लेटर भी ले जाएंगे.

सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उसका दावा सबसे पहला और सबसे मजबूत होता है. देवेंद्र फडणवीस बीजेपी विधायकों और निर्दलीय समर्थक विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा ठोंकने की तैयारियों में है.

देवेंद्र फडणवीस ने मन बना लिया है कि वह या तो शिवसेना (Shiv Sena) के साथ या बैगर शिवसेना (Shiv Sena) के सरकार बनाएंगे और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ कुछ अन्य सीनियर बीजेपी नेता और छोटे मित्र दल के सदस्य भी शपथ लेंगे. जब राज्यपाल से बहुमत साबित करने का वक्त मिल जाएगा तब फिर से शिवसेना (Shiv Sena) से बात करने की कोशिश होगी.  अगर तब भी शिवसेना (Shiv Sena) नहीं मानती है तो, बिना शिवसेना (Shiv Sena) बहुमत साबित करने की कोशिश होगी. इसके बाद बैकडोर राजनीति के तहत एनसीपी से एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है, जिसमें अगर एनसीपी खुद किसी सम्मानजनक मुद्दे पर वोटिंग का बॉयकॉट करती है तो बीजेपी की आसानी से बहुमत साबित हो जायेगी.

यानी एनसीपी के 54 विधायक के विरोध करने की सूरत में 289 सदस्यीय विधानसभा की ताकत रह जाती है 235. इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 118 हो जाएगा. इसमें बीजेपी के 105 विधायकों के साथ 13 अन्य विधायक छोटी पार्टियों और निर्दलीय से आ जाएंगे. अब तक प्रदेश के 15 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलाकर बीजेपी की झोली में कुल 120 विधायकों का संख्याबल जुटा लेने का दावा है. बीजेपी​ ने अपनी तरफ से समर्थन के लेटर जुटाने भी शुरू कर दिए हैं, ​जिसके तहत बीजेपी बहुमत साबित कर लेगी.

बहुमत साबित करने के बाद फिर शिवसेना (Shiv Sena) को सरकार में एंट्री दी जायेगी. शिवसेना (Shiv Sena) के नहीं, बल्कि बीजेपी के टर्म पर. यानी 50-50 बंटवारा नहीं होगा. शिवसेना (Shiv Sena) को उसके संख्याबल के आधार पर सरकार में जगह मिलेगी. यानी ढाई साल के लिए शिवसेना (Shiv Sena) का मुख्यमंत्री नहीं होगा. साथ ही चूंकि शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक बीजेपी के मुकाबले आधे ही हैं इसलिए मंत्री पद आधे के बजाय एक तिहाई ही मिलेंगे.

सूत्र बताते हैं कि प्लान 'बी' के चलते ही अमित शाह ने बुधवार को मुंबई आने का प्लान रद्द कर दिया है. अब शाह की जगह जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव मुंबई आएंगे. अभी तक उद्धव ठाकरे के साथ उनकी कोई मीटिंग प्रस्तावित नहीं है. चुनावी नतीजों के बाद से अबतक दोनों दलों के बीच बातचीत बंद है. शिवसेना (Shiv Sena) मुखपत्र सामना में आये दिन कटाक्ष कर रही है, जिससे बीजेपी काफी नाराज है.

अब बीजेपी के इस प्लान के बाद गेंद शिवसेना (Shiv Sena) के पाले में आ जाती है की उसे सरकार में शुरू से रहना है या नहीं. शिवसेना (Shiv Sena) को बीजेपी के इस प्लान बी की भनक लग चुकी है जिसके बाद से पार्टी में खलबली मची है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी, शिवसेना (Shiv Sena) के रुख में नर्मी की शर्त पर बातचीत के मूड में है.

एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मिलिक ने प्रदेश की सियासत में नए राजनीतिक संकेत दे दिये हैं. एनसीपी के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) और बीजेपी के बीच बात नहीं बन पाने और बीजेपी के सदन मे बहुमत सिद्ध करने के दौरान उपजी परिस्थितियों में राजनीतिक पैंतरा चलेंगे.

एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी की सरकार गठन प्रक्रिया मेँ शिवसेना (Shiv Sena) की राजनीतिक रणनीति देखेंगे और तब की विधानसभा सदन में राजनीतिक स्थिति के बाद ही एनसीपी अपनी अगली नई राजनीतिक रणनीति तय करेगी.'

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