B'day: भोजपुरी फिल्मों का स्टार ऐसे बना राजनीति का हीरो, रवि किशन ने जीते लाखों दिल
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B'day: भोजपुरी फिल्मों का स्टार ऐसे बना राजनीति का हीरो, रवि किशन ने जीते लाखों दिल

बीजेपी के टिकट से रवि किशन ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर अपनी नई पारी की शुरुआत की है. रवि किशन इससे पहले कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. 

रवि किशन (फोटो साभार- Instagram)

नई दिल्ली: एक्टर से राजनेता बने भोजपुरी स्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन आज अपना 50वां बर्थडे मना रहे हैं. बीजेपी के टिकट से रवि किशन ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर अपनी नई पारी की शुरुआत की है. रवि किशन इससे पहले कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें चुनाव में बुरी तरह से हारना पड़ा था जिसके बाद 2017 में रवि किशन बीजेपी में शामिल हो गए थे.

17 जुलाई 1969 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के केराकत तहसील के छोटे से गांव वराई विसुई में पंडित श्याम नारायण शुक्ला व जड़ावती देवी के घर 50 साल पहले एक किलकारी गूंजी जिनकी धाक आज दुनिया के कोने-कोने में हर फैल गई है. रवि किशन का असली नाम रविंद्र नाथ शुक्ला हैं, जिनकी उपलब्धि को कुछ शब्दों में या कुछ पन्नों में समेटा नहीं जा सकता. रवि किशन को अभिनय का शौक कब हुआ, उन्हें खुद याद नहीं है़. लेकिन रेडियो में गाने की आवाज इनके पैरों को थिरकने पर मजबूर कर देती थी. कहीं भी शादी हो, अगर बैंड की आवाज उनके कानों में गई तो वो खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते थे. यही वजह है जब नवरात्र की शुरुआत हुई, तो उन्होंने पहली बार अभिनय की ओर कदम रखा. 

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रामलीला से हुई एक्टिंग की शुरुआत 
गांव के रामलीला में उन्होंने माता सीता की भूमिका से अभिनय की शुरुआत की. उनके पिताजी पंडित श्यामनारायण शुक्ला को यह कतई पसंद नहीं था कि उनके बेटे को लोग नचनियां-गवैया कहें, इसीलिए मार भी खानी पड़ी  पर बालक रविंद्र के सपनों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. मां ने अपने बब्बू (घर का नाम) रविंद्र के सपनों को पूरा करने का फैसला किया और कुछ पैसे दिए और इस तरह अपने सपनों को साकार करने के लिए रविंद्र नाथ शुक्ला मुंबई पहुंच गए. मां मुम्बा देवी की नगरी काफी इम्तिहान लेती है़. संघर्ष के लिए पैसों की जरूरत थी, इसीलिए उन्होंने सुबह-सुबह पेपर बांटना शुरू कर दिया. यही नहीं, पेपर बेचने के अलावा उन्होंने वीडियो कैसेट किराए पर देने का काम भी शुरू कर दिया. इन सबके बीच बांद्रा में उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 

Dinner with our #PrimeMinister @narendramodi ji thank u sir for the lovely dinner n aashirwad ke Saath puri zindagi ka #guru mantra jo aapney Diya woh sadev yaad rakhunga koti koti naman aapko

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बेटी के जन्म के बाद मिली पहचान 
रवि किशन की मेहनत रंग लाई और उन्हें काम मिलना शुरू हो गया. पर जिस नाम और पहचान की तलाश में वे मुंबर्इ आए थे, उसकी खोज जारी रही. इस दौरान उनके जीवन में उनकी धर्मपत्नी प्रीति किशन का आगमन हुआ. उनकी किस्मत से रवि किशन की मेहनत के गठजोड़ ने रवि किशन को लोकप्रियता देनी शुरू कर दी और जब उनकी बेटी रीवा उनके जीवन में आई, तो काम और नाम दोनों में काफी इजाफा होना शुरू हुआ. कई हिंदी फिल्मों में काम के बाद भी रवि किशन को उतनी पहचान नहीं मिल पाई जिसकी तलाश में वे मुंबई की गलियों में भटक-भटककर खुद का वजूद ढूंढते थे. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 

#gorakhpur

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छोटे पर्दे ने खोली बॉलीवुड की राह 
दूरदर्शन के एक धारावाहिक हेलो इंस्पेक्टर से उन्होंने अपनी पहचान बनानी शुरू की, लेकिन शायद भोजपुरी इंडस्ट्री को किसी ऐसे अभिनेता की तलाश थी, जो उन्हें नवजीवन दे सके और हुआ भी ऐसा ही. कई हिंदी फिल्मों का निर्माण कर चुके निर्देशक मोहनजी प्रसाद ने भोजपुरी फिल्म निर्माण करने का फैसला किया और रवि किशन को अपनी पहली फिल्म 'सैयां हमार' में बतौर हीरो लॉन्च किया. इस फिल्म ने न सिर्फ बरसों से शांत पड़े भोजपुरी फिल्म जगत को जिंदा किया, बल्कि इसके साथ ही उदय हुआ भोजपुरी के नए सुपरस्टार रवि किशन का. इस फिल्म के बाद रवि किशन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. आज वे 300 से भी अधिक भोजपुरी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और देश दुनिया में भोजपुरी चेहरा बनकर उभरे हैं. इस दौरान उन्होंने कई टेलीविजन शो में भी नजर आए.

 

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