Sonam Kapoor Film: इन दिनों ऐसी फिल्में कम बन रही हैं, जिन्हें याद रखा जाए. ऐसे निर्देशक भी कम हैं, जिनके काम ने दर्शकों के दिल को छुआ हो. मगर इनके बीच आनंद एल. राय और उनकी फिल्म रांझणा (Film Raanjhanaa) जरा अलग है. इस फिल्म को रिलीज हुए कल दस साल हो जाएंगे और ज्यादा पुरानी बात नहीं मालूम पड़ती...
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10 Years Of Film Raanjhanaa: अच्छे सिनेमा को लोग कभी नहीं भूलते. जब 2013 में रोमांटिक फिल्म रांझणा (Raanjhanaa) रिलीज हुई तो सोनम (Sonam Kapoor) और धनुष (Dhanush) की जोड़ी एकदम नई थी, परतुं उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने इस लव स्टोरी (Love Story) को यादगार बना दिया. उनके परफॉरमेंस में गहराई थी, जिससे यह फिल्म लोगों को एक रीयल कहानी की तरह मालूम पड़ी. फिल्म के निर्माता-निर्देशइक आनंद एल राय (Anand L Rai) ने हिंदी के दर्शकों को तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, गुडलक जैरी, एन एक्शन हीरो, हैप्पी भाग जाएगी और न्यूटन से लेकर तुंबाड़ जैसी फिल्में दी हैं. सभी शैलियों के उस्ताद कहे जाने वाले आनंद एल राय ने रांझणा (Film Raanjhanaa) में भी कोई कसर नहीं छोड़ी.
प्यार की शुरुआत
इस फिल्म से धनुष ने शानदार छाप छोड़ी और लंबे अर्से बाद दर्शकों ने गलियों के साधारण लड़के जैसा हीरो हिंदी सिनेमा के पर्दे पर देखा. आज साउथ फिल्मों का क्रेज दर्शकों के दिलों में अलग जगह बना चुका है, लेकिन आनंद एल राय ने एक दशक पहले ही साउथ के सितारे को हिंदी में लाने का जोखिम उठाया था. धनुष की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफल आनंद एल राय की दूरदृष्टि की गवाह है. रांझणा से साउथ के लोकप्रिय एक्टर धनुष ने बॉलीवुड में अपना डेब्यू (Bollywood Debut) किया था. उन्होंने एक इमोशनल तमिल हिंदू ब्राह्मण लवर कुंदन शंकर की भूमिका निभाई थी. उन्होंने प्यार की जटिलताओं को पर्दे पर बखूभी दर्शाया. धनुष के साथ दर्शकों ने जुड़ाव महसूस किया. उन्हें क्रिटिक्स की प्रशंसा मिली, लेकिन आम दर्शकों ने उन्हें अपने बीच के हीरो जैसा पाया.
आज भी याद है
अपने ग्लैमर के लिए पहचानी जाने वाली सोनम ने भी इस फिल्म में बनारस (Banaras) में रहने वाली मुस्लिम लड़की जोया हैदर के रूप में बढ़िया परफॉर्म किया था. वह एक मजबूत इरादों वाली स्वतंत्र महिला के किरदार में थीं. जिसका चरित्र धनुष के बिल्कुल विपरीत था. जोया के किरदार ने भी दर्शकों पर प्रभाव छोड़ा. रांझणा में धनुष और सोनम कपूर का परफॉरमेंस आज भी दर्शक याद करते हैं. उनके टैलेंड और उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने फिल्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था. आज दस साल बाद फिल्म दर्शकों की यादों में हैं. इसे सोनम की यादगार फिल्मों में रखा जाता है और धनुष कमोबेश इसी फिल्म से बॉलीवुड के दर्शकों में पहचाने जाते हैं. यह आनंद एल राय की शानदार फिल्मों में शामिल है.