गौरतलब है कि मुमताज लंदन में अपने परिवार के साथ रह रही हैं.
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नई दिल्ली: मशहूर अभिनेत्री मुमताज के निधन की खबरों को खारिज करते हुए उनकी बेटी तान्या माधवानी ने आज कहा कि उनकी मां पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. उनका यह बयान सोशल मीडिया में मुमताज के निधन की अफवाह के बीच आया है. गौरतलब है कि मुमताज लंदन में अपने परिवार के साथ रह रही हैं. वह 70 साल की हैं. गौरतलब है कि मुमताज का नाम बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार है. उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय के जलवे बिखेरे और एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं.
मुमताज का जन्म 31 जुलाई, 1947 को मध्यवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ. घर की माली हालत खस्ता थी, जिसके चलते महज 12 साल की उम्र में उन्हें मनोरंजन-जगत में कदम रखना पड़ा. अपनी छोटी बहन मलिका के साथ वह रोजाना स्टूडियो के चक्कर लगाया करतीं और जैसी चाहे वैसी छोटी-मोटी भूमिका मांगती थीं. उनकी मां नाज और चाची नीलोफर पहले से फिल्मी दुनिया में मौजूद थीं, लेकिन दोनों जूनियर आर्टिस्ट होने के नाते अपनी बेटियों की सिफारिश करने के योग्य नहीं थीं.
मुमताज ने जूनियर आर्टिस्ट से स्टार बनने का सपना अपने मन में संजोया था और उन्होंने यह सच कर दिखाया. अपनी लगन और मेहनत से 70 के दशक में उन्होंने स्टार की हैसियत हासिल कर ली. उस दौर के कई नामी सितारे, जो कभी मुमताज का नाम सुनकर मुंह बनाते थे, वे भी उनके साथ काम करने को बेताब रहने लगे. मुमताज ने दारा सिंह से लेकर दिलीप कुमार जैसे महान कलाकारों के साथ अभिनय कर सफलता के सोपान चढ़ती चली गईं. उन्होंने शम्मी कपूर, देवानंद, संजीव कुमार, जितेंद्र और शशि कपूर जैसे सितारों के साथ काम किया, मगर राजेश खन्ना के साथ उनके काम को सबसे ज्यादा सराहा गया.
दारा सिंह के बाद मुमताज की जोड़ी राजेश खन्ना के साथ जमी. मुमताज और राजेश की फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ती थी. उनकी फिल्म 'दो रास्ते' की सफलता के साथ दोनों ने सफलता का एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. साल 1969 से 1974 तक इन दोनों कलाकारों ने 'सच्चा झूठ', 'अपना देश', 'दुश्मन', 'बंधन और रोटी' जैसी शानदार फिल्में दीं. मुमताज ने करीब दस सालों तक बॉलीवुड पर राज किया. वह शर्मिला टैगोर के समकक्ष मानी गईं और उन्हें मेहनताना भी उन्हीं के बराबर मिलता था. देव आनंद की फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' मुमताज के करियर को सुनहरा कर देने वाली फिल्म थी.
उन्होंने साल 1967 की फिल्म 'राम और श्याम' और 1969 की फिल्म 'आदमी और इंसान' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस अवार्ड जीता. साल 1971 में उन्हें 'खिलौना' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार मिला था. 1996 में उन्हें प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (आईफा) में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2008 में आईफा उत्कृष्ट योगदान मानद पुरस्कार से नवाजा गया.
(इनपुट भाषा से भी)