Success of South films: टिकट खिड़की पर बॉलीवुड की नाकामी के बीच कोरोना के बाद साउथ की फिल्मों ने उत्तर और मध्य भारत खूब कमाई की. साउथ की फिल्मों के दर्शक भी नॉर्थ में बढ़े. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि साउथ की हर फिल्म नॉर्थ में चल रही है.
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Box office truth: कोरोना के बाद पूरे देश में खुले सिनेमाघरों में जब पुष्पा, केजीएफ 2 और आरआरआर हिट हुई तो हर किसी का ध्यान साउथ की फिल्मों पर गया. ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर भी साउथ का कंटेंट खूब देखा जाने लगा. लेकिन इन फिल्मों की सफलता के करीब ढाई-तीन महीनों बाद साउथ की कोई फिल्म उत्तर भारत के सिनेमाघरों में चमत्कार नहीं कर पाई. इतना जरूर है कि इन डब फिल्मों की चर्चा हुई, निर्माताओं ने इन्हें थोड़ा-बहुत प्रमोट भी किया लेकिन उत्तर भारतीय दर्शक इनसे दूर रहे.
नहीं हुई टक्कर
पिछले दिनों जब सम्राट पृथ्वीराज का ट्रेलर रिलीज हुआ था, उसी शाम साउथ की फिल्म मेजर का भी ट्रेलर आया. मेजर के ट्रेलर का हर तरफ स्वागत हुआ और कहा गया कि यह फिल्म सम्राट पृथ्वीराज से दर्शक छीन लेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भले ही अक्षय कुमार की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, मगर मेजर का हाल भी बुरा रहा. दो हफ्तों में मेजर का डब वर्जन हिंदी में सिर्फ 9.6 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर सका. इसी तरह हफ्ते भर पहले 777 चार्ली भी हिंदी में डब करके रिलीज की गई, लेकिन पहले हफ्ते में फिल्म केवल 1.65 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर सकी.
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कोई बाहुबली नहीं
सिर्फ साउथ के नॉर्थ में अनजान चेहरों की बात नहीं है. कमल हासन जैसे सितारे की फिल्म विक्रम हिट लिस्ट, जिसने साउथ समेत दुनिया भर में डंका बजाया और 300 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, हिंदी के दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाई और दो हफ्ते में यह सिर्फ छह करोड़ रुपये की कमाई कर सकी. फिल्म की ओपनिंग हिंदी में इतनी खराब थी कि पहले दिन इसने सिर्फ 25 लाख रुपये कमाए. इससे पहले बाहुबली स्टार प्रभास की फिल्म राधेश्याम को हिंदी के दर्शकों ने नकार दिया था और इसका कुल कलेक्शन 17.41 करोड़ रुपये था.
बड़ी-बड़ी फ्लॉप
पुष्पा, केजीएफ 2 और आरआरआर की कामयाबी के बाद बीते तीन महीनों में तमिल और तेलुगु की बड़ी फिल्में डब होकर आईं लेकिन हिंदी वालों पर उनका जादू नहीं चला. फरवरी में तमिल स्टार अजित की वलैमी (2.1 करोड़), मार्च में तेलुगु की रवि तेजा स्टारर ईटी यानी एथरक्कुम थुन्निनधवन (छह लाख) और पुनीत राजकुमार की जेम्स (50 हजार) का हाल बुरा रहा. अप्रैल में थलपति विजय की बीस्ट, जो हिंदी में रॉ (2.3 करोड़) टाइटल से आई, दर्शकों को सिनेमाघरों में खींचने में नाकाम रही. मेजर और 777 चार्ली जून में सिनेमाघरों में लगीं. कुल मिला कर कोरोना के बाद इस साल अभी तक साउथ की तीन फिल्में ही नॉर्थ में धमाल मचाने में सफल रही हैं, जबकि आठ बड़ी फिल्में बुरी तरह फ्लॉप हुईं.
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