B'Day Hrishikesh Mukherjee: फिल्म 'आनंद' में राजेश खन्ना नहीं, ये एक्टर थे ऋषि दा की पहली पसंद
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B'Day Hrishikesh Mukherjee: फिल्म 'आनंद' में राजेश खन्ना नहीं, ये एक्टर थे ऋषि दा की पहली पसंद

राज कपूर और ऋषिकेश मुखर्जी अच्छे दोस्त थे. राज कपूर ऋषि दा को बाबू मोशाय कह कर बुलाते थे. 

B'Day Hrishikesh Mukherjee: फिल्म 'आनंद' में राजेश खन्ना नहीं, ये एक्टर थे ऋषि दा की पहली पसंद

नई दिल्ली: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दो बहुत नामी फिल्मकार रहे हैं, ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee), जिनका आज जन्मदिन है और दूसरे राज कपूर (Raj Kapoor). बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि 'आनंद (Anand)' फिल्म की कहानी लिखते समय ऋषि दा के दिमाग कौन था?

  1. ऋषिकेश मुखर्जी का है आज जन्मदिन
  2. राज कपूर के थे करीबी दोस्त
  3. 'आनंद' फिल्म से है राज कपूर का खास संबंध

ऐसे आया फिल्म का आइडिया
दरअसल राज कपूर और ऋषिकेश मुखर्जी अच्छे दोस्त थे. राज कपूर ऋषि दा को बाबू मोशाय कह कर बुलाते थे. उन दिनों राज कपूर की तबीयत खराब थी और वे मजाक में कहते थे कि वे बहुत दिनों तक नहीं जिएंगे. उनकी इस बात से ऋषि दा के मन में 'आनंद' बनाने का आइडिया आया. एक खुशमिजाज आदमी जो मरने को भी रोमांटिसाइज करता है. वो चाहते थे कि यह रोल राज साहब निभाएं. पर राज साहब ने यह कहते हुए मना कर दिया, 'बाबू मोशाय, मैं इस रोल के लिए बूढ़ा हो गया हूं' तब उनके ही कहने पर ऋषि दा ने राजेश खन्ना को फिल्म में लीड रोल के लिए कास्ट किया. 

राज कपूर ने कही ये बात
फिल्म में लीड किरदार 'आनंद' (राजेश खन्ना) अपने डॉक्टर दोस्त (अमिताभ बच्चन) को 'बाबू मोशाय' कह कर बुलाता है. राज कपूर ने इस फिल्म को देखने के बाद कहा था, 'बाबू मोशाय, तुमने हमारी दोस्ती को अमर कर दिया.'

नए कलाकारों के गॉड फादर
ऋषिकेश मुखर्जी ऐसे निर्देशक थे, जो नए कलाकारों को भरपूर मौका देते थे. उनका मानना था कि जब कोई कलाकार एकदम रॉ होता है, उससे आप मनमुताबिक एक्टिंग करवा सकते हैं. एक बार स्टार बनने के बाद उनसे एक्टिंग करवाना मुश्किल हो जाता है. यही नहीं, उनके साथ के लोग वो वक्त भी याद करते हैं जब ऋषि दा को लकवा मार गया था और कई दिनों तक वे व्हील चेयर पर रहे. उस समय उनकी दो फिल्में बन रही थीं, असली-नकली और अनुपमा. ऋषि दा दोनों फिल्मों का निर्देशन देने व्हील चेयर पर जाते थे. उनका मानना था कि फिल्म अगर समय पर ना बने तो इंडस्ट्री का बहुत नुकसान हो जाता है. इसलिए दोनों फिल्में उन्होंने समय पर बनाईं और दोनों ही फिल्में हिट हुईं.

साठ और सत्तर के दशक में मिडिल क्लास को ले कर हंसी-मजाक से भरपूर फिल्में बनाने में माहिर ऋषिकेश मुखर्जी को कभी इस बात से शिकायत नहीं रही कि उनकी सुपर हिट फिल्मों के लिए भी उन्हें एक भी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवार्ड क्यों नहीं मिला. हालांकि उनकी बनाई फिल्में 'आनंद', अभिमान, मधुमति, अनोखी रात, खूबसूरत, गोलमाल अपने समय की सुपर हिट रही हैं.

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