अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि 'आर्टिकल 15' में काम करने से उनकी आंखें खुल गई है और इस फिल्म ने भावनात्मक रूप से उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा है.
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नई दिल्ली: कई बार फिल्मों ने समाज का नजरिया बदलने में मदद की है. वहीं अब आयुष्मान खुराना का मानना है कि उनकी फिल्म ने उन्हें ही बदल दिया है. अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि 'आर्टिकल 15' में काम करने से उनकी आंखें खुल गई है और इस फिल्म ने भावनात्मक रूप से उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा है.
आयुष्मान ने कहा, "मैंने अपने करियर में पहली बार एक पुलिस अफसर के किरदार को निभाया. इसकी कहानी ने भावनात्मक रूप से मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है और इसने हमारी आंखें खोल दी है क्योंकि हम एक सुरक्षित दुनिया में रहते हैं जहां इस तरह के घटनाओं के होने की सूचना मिलती है और न्यूज चैनल पर दिखाया जाता है या अखबारों में पढ़ा जाता है, लेकिन इसके बाद भी हम किसी कार्रवाई को करने या बहस करने में विफल हो जाते हैं."
आयुष्मान ने आगे कहा, "एक समाज के रूप में हम अपने आसपास की घटनाओं को देखते हैं, लेकिन सच्चाई को नजरअंदाज कर अपनी सुविधाजनक शहरी बुलबुले में रहने का चुनाव करते हैं. मैं फिल्म को आईएमबीडी पर महीने के ब्रेकआउट शीर्षक बनने को देख संतुष्ट हूं क्योंकि मेरा मकसद इसकी कहानी के माध्यम से दर्शकों पर प्रभाव छोड़ना था और चाहता था कि लोग इस पर बात करना शुरु करें."
आयुष्मान के मुताबिक, "मैंने हमेशा अपनी कहानी के माध्यम से समाज में मुद्दों को उठाने में यकीन रखा है क्योंकि भारत में लोगों पर बॉलीवुड का गहरा प्रभाव है."
आयुष्मान को इस बात की खुशी है कि 'आर्टिकल 15' को इंटरनेट मूवी डेटाबेस (आईएमबीडी) पर अच्छी रेटिंग मिली है. (इनपुट आईएएनएस से भी)