Fan of film stars: सितारों के फैन्स हर दौर में रहे हैं. दिलीप कुमार का भी दौर था और उन्होंने शाहरुख खान तक कई पीढ़ियों को प्रभावित किया. मगर मनोज कुमार उनके ऐसे भक्त थे कि उन्होंने अपना नाम ही दिलीप कुमार की एक फिल्म देख कर बदल लिया.
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Actor Manoj kumar: नेपोटिज्म के इस दौर में जब भाई-भतीजे हीरो बनाए जा रहे हैं, एक दौर ऐसा भी था जब फिल्मों में आने के लिए इंडस्ट्री के लोग अपने परिवार वालों की मदद नहीं करते थे. ऐसे ही दौर में हरि किशन गोस्वामी नाम के लड़के को फिल्मों का चस्का था. तब उनके करीबी रिश्तेदार ने फिल्म निर्माण में होने के बावजूद मदद नहीं की. इस लड़के को फिल्में देखने का खूब शौक था. खास तौर पर दिलीप कुमार की हर फिल्म वह फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखता था. उसी दौर में दिलीप कुमार की फिल्म आई, शबनम. फिल्म हरि किशन गोस्वामी को इतनी पसंद आई कि उसने फिल्म में जो दिलीप कुमार का नाम था, वही अपना नाम रख दिया. फिल्म में दिलीप कुमार का नाम था, मनोज कुमार.
शशि कपूर के साथ स्ट्रगल
मनोज कुमार ने फिल्मों में आने के लिए लंबा संघर्ष किया. संघर्ष के इन दिनों में उनकी दोस्ती शशि कपूर से हुई. वह भी उन दिनों स्ट्रगल कर रहे थे. दोनों अक्सर तमाम स्टूडियो के चक्कर लगाते हुए मिलते थे. मनोज कुमार से शशि कपूर से पूछा कि तुम्हारे पिता पृथ्वीराज कपूर तो बड़े स्टार हैं, उनकी मदद क्यों नहीं लेते. तब शशि कपूर ने बताया कि न तो वह और न उनके बड़े भाई राज कपूर पिता के नाम का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि वे लोग खुद अपने दम पर सफलता चाहते हैं. मनोज कुमार को छोटी-छोटी भूमिकाएं मिलने लगी थीं, लेकिन उन्हें बड़ा ब्रेक मिला फिल्म हरियाली और रास्ता में. माला सिन्हा हीरोइन थीं. 1962 में आई यह फिल्म उस साल की सबसे कामयाब फिल्मों में थी.
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दिलीप भक्ति और देश भक्ति
देश भक्ति फिल्में बनाने के लिए प्रसिद्ध मनोज कुमार दिलीप कुमार के इतने भक्त थे कि वे कभी उनके सामने बैठते तक नहीं थे. कभी उन्हें बैठने को कहा भी जाता तो वह जमीन पर बैठते थे. दिलीप कुमार भी उन्हें बहुत मानते थे. यही कारण है कि एक दौर में जब दिलीप कुमार फिल्मों से दूर हो गए, तो मनोज कुमार ने ही उनकी वापसी कराई थी. उन्होंने फिल्म क्रांति (1981) की स्क्रिप्ट लिखी और दिलीप कुमार को सुनाई. सुनते ही दिलीप कुमार ने दो मिनट में हां कह दिया और पांच साल बाद फिल्मों में लौटे. क्रांति को निर्देशन मनोज कुमार ने किया था और यह अपने दौर की सबसे कामयाब फिल्मों में थी. मनोज कुमार इसमें दिलीप कुमार के बेटे की भूमिका में थे.
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