Animal Lovers: इन दिनों फिल्म के पर्दे पर सड़क पर खड़ा कोई जानवर दिख जाए तो निर्माता-निर्देशक को अलग से प्रमाणपत्र लेना पड़ता है. पर्दे पर पशु दिखाने के लिए अब वीएफएक्स का सहारा लिया जाता है, मगर एक दौर में साउथ के इस निर्माता ने बॉलीवुड में जानवरों को लेकर कई फिल्में बनाईं.
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Animals In Bollywood Movies: बॉलीवुड और साउथ के निर्माता इन दिनों साथ मिलकर फिल्में बनाने के लिए आगे आ रहे हैं. दोनों अपने-अपने फायदे ढूंढ रहे हैं. लेकिन पहले भी बॉलीवुड की तरफ साऊथ के निर्माता आकर्षित हुए हैं, उन्होंने यहां पैसे लगाए हैं और फिल्में बनाई हैं. साउथ के ऐसे ही चर्चित प्रोड्यूसर थे सैंडो उर्फ एम.एम.ए. चिनप्पा देवर. वह सैंडो नाम से लोकप्रिय थे क्योंकि उनकी बॉडी अंतरराष्ट्रीय मशहूर पहलवान सैंडो की तरह ही थी. वह तमिल फिल्मों (Tamil Films) के प्रसिद्ध निर्माता थे. उनकी विशेषता यह थी कि उन्होंने बॉलीवुड स्टार्स के साथ जानवरों की कहानियों वाली फिल्में बनाई. उनकी फिल्मों में आप हाथी (Elephant), गाय (Cow), बकरी (Goat), शेर (Lion) को देख सकते हैं. इन फिल्मों में जानवरों और इंसान के बीच के प्यार को दिखाया गया.
जानवर और इंसानों का प्यार
चिनप्पा की सबसे पहली हिंदी फिल्म थी हाथी मेरे साथी (Haathi Mere Saathi, 1971). इस फिल्म की कहानी उन्होंने ही लिखी थी तथा इसे प्रोड्यूस भी किया था. वह राजेश खन्ना के पास यह फिल्म ले गए और उन्हें फिल्म के लिए मोटी रकम एडवांस में दी. राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने शर्त रखी कि वह इस फिल्म को अपनी पसंद के राइटरों से फिर लिखवाएंगे. चिनप्पा मान गए. स्क्रिप्ट राइटर के रूप में सलीम-जावेद (Salim- Javed) की जोड़ी की यह पहली फिल्म थी. राजेश खन्ना तथा तनूजा फिल्म के मुख्य कलाकार थे. इस फिल्म में रामू, श्यामू, महेश और सुरेश चार हाथियों को दिखाया गया था. बॉक्स ऑफिस पर यह उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी. सबने इस फिल्म को खूब पसंद किया. बॉलीवुड में चिनप्पा की अगली फिल्म थी, जानवर और इंसान (1972). शशि कपूर और राखी लीड रोल में थे. फिल्म में एक आदमखोर शेर की कहानी थी, जो लोगों का जीना मुहाल किए हुए है और किस तरह से उससे निपटा जाता है. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली थी. 1976 में चिनप्पा ने मां बनाई. फिल्म में धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और निरूपा रॉय की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म में हाथी से लेकर शेर तक कई जानवरों को दिखाया गया था.
गाय और बकरी भी
चिनप्पा की फिल्मों में जंगली ही नहीं पालतू जानवरों की भी कहानियां मिलती हैं. फिल्म गाय और गौरी (1973) में जया बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ एक गाय की कहानी थी. जया बच्चन इसमें गौरी नाम की युवती थीं, जिसके पास एक पालतू गाय है. गौरी के सामने अपने अत्याचारी पति और गौरी में से एक को चुनने की परीक्षा होती है. वह किसे चुनेगी. यह फिल्म फ्लॉप रही. जानवरों के कथानक को लेकर चिनप्पा ने बॉलीवुड में आखिरी फिल्म बनाई, मेरे रक्षक. 1978 में आई इस फिल्म में रामेश्वरी और मिथुन चक्रवर्ती की मुख्य भूमिकाएं थी. इस फिल्म का केन्द्र बिंदु एक बकरी थी जो खलनायकों से रामेश्वरी की रक्षा करती है. मिथुन चक्रवर्ती (Mithun chakraborty) के लिए यह फिल्मों में स्ट्रगल का दौर था, इस फिल्म में काम मिला तो वह अपने घर और भोजन जुटा सके थे. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली. उसी साल चिनप्पा ने भी इस दुनिया से अंतिम विदाई ली.
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