Gulzar: चड्डी पहन के फूल खिला है; किसने कहा गुलजार से कि इसे पैंट या लुंगी बनाओ, तभी...
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Gulzar: चड्डी पहन के फूल खिला है; किसने कहा गुलजार से कि इसे पैंट या लुंगी बनाओ, तभी...

Gulzar Songs: इतना तो तय है कि आपने मोगली सीरियल का गाना चड्डी पहन के फूल खिला है... जरूर सुना होगा. दशकों से यह नन्हें बच्चों के फेवरेट गीतों में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले इस गाने में चड्डी शब्द पर आपत्ति उठी थी. जानिए पूरा मामला...

 

Gulzar: चड्डी पहन के फूल खिला है; किसने कहा गुलजार से कि इसे पैंट या लुंगी बनाओ, तभी...

Bollywood Songs: गुलजार की कलम का लोहा दुनिया मान चुकी है. उन्हें ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) तक मिल चुका है. लेकिन ऑस्कर से बहुत पहले गुलजार ने देश में ऐसी धूम मचाई कि उनका लिखा गाना बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ गया. दूरदर्शन के दिनों में आने वाले सीरियल जंगल बुक (Jungle Book) का टाइटल सांग चड्डी पहन के फूल खिला है... जिसने भी सुना, उनका मुरीद हो गया. आज दशकों बाद भी यह गाना बच्चों के फेवरेट गीतों (Children Songs) में से है. नई से नई पीढ़ी के बच्चे भी इस पर झूमते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूरदर्शन (Doordarshan) के अधिकारियों को जब गुलजार ने यह गाना लिखकर दिया, उन्हें इसमें इस्तेमाल किए गए चड्डी शब्द पर आपत्ति थी.

क्या चड्डी ठीक हैॽ
लहरें टीवी के अनुसार इस बारे में गाने के कंपोजर विशाल भारद्वाज (Vishal Bharadwaj) ने अपने एक इंटरव्यू में विस्तार से बताया. विशाल ने कहा कि इस गाने को कोई और म्यूजिक कंपोजर तैयार करने वाला था. मगर वह अंतिम समय पर हट गया और मैं इसमें आया. दूरदर्शन के अधिकारियों ने गुलजार से पूछा था कि क्या वे किसी कंपोजर को जानते हैं, तो उन्होंने विशाल भारद्वाज का नाम बढ़ा दिया. गाना दो दिन में तैयार करना था. विशाल ने जब गाना कंपोज करके तैयार किया और इसे दूरदर्शन को भेजा गया, तो वहां से चड्डी शब्द पर आपत्ति आ गई. अधिकारी ने गुलजार से कहा कि इसमें क्या चड्डी ठीक लग रहा हैॽ उन्होंने कहा कि चड्डी शब्द को पैंट या लुंगी शब्द से बदल दिया जाए.

विश्वास की जीत
नाराज गुलजार ने जवाब दिया कि गंदगी सोचने वाले के दिमाग में है, चड्डी शब्द में नहीं. विशाल भारद्वाज के अनुसार (Vishal Bharadwaj Interview) गुलजार ने अधिकारी को समझाया कि इस लाइन का मतलब यही है कि मोगली चड्डी पहने हुए है और वह फूल की तरह लगता है. गुलजार को अपने गाने पर पूरा विश्वास था. उन्होंने दूरदर्शन से साफ कहा कि अगर वे गाने को इसी रूप में ले सकते हैं, तो ठीक है वर्ना वे उनको यह गीत नहीं देंगे. आखिरकार दूरदर्शन वालों को चड्डी शब्द के साथ ही गाना लेना पड़ा. गुलजार के विश्वास की जीत हुई. गाने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई. उल्टा इसे खूब पसंद किया गया.

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