जब Sadhana Shivdasani को इस बात से पहुंचा था सदमा, तब बदला था अपना हेयर स्टाइल
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जब Sadhana Shivdasani को इस बात से पहुंचा था सदमा, तब बदला था अपना हेयर स्टाइल

क्या कोई हीरोइन बस एक हेयर कट की वजह से सुपरस्टार बन सकती है? 

जब Sadhana Shivdasani को इस बात से पहुंचा था सदमा, तब बदला था अपना हेयर स्टाइल

नई दिल्ली: क्या कोई हीरोइन बस एक हेयर कट की वजह से सुपरस्टार बन सकती हैं? मानना मुश्किल है. पर कुछ ऐसा ही हुआ साठ के दशक की हीरोइन साधना शिवदसानी (Sadhana Shivdasani) के साथ. महज पंद्रह साल की उम्र में साधना ने मात्र एक रुपए टोकन फी लेकर एक सिंधी फिल्म 'अबाना' में काम किया था. जब इस फिल्म का पोस्टर अखबार स्क्रीन में छपा, तो उस समय के एक बड़े प्रोड्यूसर सशधर मुखर्जी ने उनसे मिलना चाहा. वे उस समय अपने बेटे जॉय मुखर्जी के साथ फिल्म 'लव इन शिमला' में एक नई लड़की को लॉन्च करना चाहते थे. साधना उस रोल के लिए एकदम सही थी. जब स्क्रीन टेस्ट की बारी आई तो साधना उसमें रिजेक्ट हो गईं. 

पारखी नजर थी नय्यर साहब की
स्क्रीन टेस्ट में रिजेक्ट होनी की वजह थी साधना का जरूरत से ज्यादा बड़ा माथा, जो स्क्रीन टेस्ट में बहुत बुरा दिख रहा था. प्रोड्यूसर ने साधना को रिजेक्ट करते हुए कहा, ये लड़की इतना चौड़ा माथा लेकर कभी हिंदी फिल्मों की हीरोइन नहीं बन सकती. साधना को इस बात से बहुत सदमा पहुंचा, पर इससे ज्यादा दुखी हुए इस फिल्म के निर्देशक आर के नय्यर, जिनका दिल पहली नजर में इस लड़की पर आ गया था. उन्होंने अगले दिन साधना को स्टूडियो बुलाया. उन्होंने कहा, हॉलीवुड में भी एक तुम्हारी तरह सुंदर हीरोइन है, जो इन दिनों अपने अलग से हेयर स्टाइल की वजह से खूब पसंद की जा रही है. मैं चाहता हूं तुम वो हेयर स्टाइल बनाकर देखो. वो हीरोइन थीं ऑड्री हेपबर्न. वो स्टाइल था माथे पर बालों की कट. साधना ने वो स्टाइल बनाया. माथे पर बालों की खूबसूरत लट ने उनका चेहरा ही बदल दिया. अगले दिन जब सशधर मुखर्जी ने साधना को इस नए स्टाइल में देखा, तो बहुत खुश हो गए. फिल्म 'लव इन शिमला' में उन्हें तुरंत साइन कर लिया गया. फिल्म खूब चली. साधना का नाम हो गया और चल निकला उनका साधना कट.

ग्लैमर से प्रेम
साधना अपने जमाने की ऐसी हीरोइन थीं, जो स्टाइलिश और ग्लैमरस मानी जाती थीं. यही वजह थी कि वे हमेशा टिपटॉप दिखतीं. उन्हें मिस्ट्री गर्ल भी कहा जाता था. उन्होंने कई रहस्य-रोमांच से भरपूर फिल्मों जैसे 'मेरा साया', 'अनीता' जैसी सफल फिल्मों में काम किया. नय्यर साहब से उन्होंने काफी बाद में शादी की. इसके बाद भी वे कुछ फिल्मों में नजर आईं. जैसे ही उन्हें थायराइड बीमारी हुई, वजन बढ़ने लगा, उन्होंने फिल्मों को विदा कह दिया. साधना कहती थीं, ‘मैं मां और भाभी का रोल करके अपनी छवि नहीं बिगाड़ना चाहती. मैं चाहती हूं साधना को जब भी लोग देखें, खूबसूरत चेहरे में ही देखें.’ आज अगर वे होतीं तो 79 साल की हो जातीं. पांच साल पहले कैंसर से उनका निधन हो गया.

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