यह था किशोर कुमार का असली नाम! इंदिरा गांधी से लिया था बड़ा पंगा
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यह था किशोर कुमार का असली नाम! इंदिरा गांधी से लिया था बड़ा पंगा

बॉलीवुड के गीतों में नए-नए प्रयोग करने वाले सदी के महान गायक किशोर कुमार का असली नाम क्या था और क्या हुआ था कि वह देश की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से तकरार कर बैठे थे

यह था किशोर कुमार का असली नाम! इंदिरा गांधी से लिया था बड़ा पंगा

नई दिल्ली: गोल्डन एरा के बॉलीवुड के गानों के दीवानों के लिए किसी दैवीय अवतार की तरह माने जाने वाले सिंगर, एक्टर और मल्टीटेलेंटेड आर्टिस्ट किशोर कुमार का जन्म आज ही के दिन हुआ था. क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के गीतों में नए-नए प्रयोग करने वाले सदी के महान गायक किशोर कुमार का असली नाम क्या था और क्या हुआ था कि वह देश की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से तकरार कर बैठे थे.  आइए उनके जन्मदिन पर जानते उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही किस्से...

मध्यप्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त 1929 को एक बंगाली परिवार में वकालत करने वाले एडवोकेट कुंजी लाल गांगुली के घर जब तीसरे और सबसे छोटे बेटे ने जन्म लिया तो उसका नाम आभास कुमार गांगुली रखा गया था. यही आभास आगे चलकर भारतीय सिनेमा इंइस्ट्री में महान गायक किशोर कुमार के नाम से जाना गया.

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करियर की शुरुआत
साल 1969 में निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म 'आराधना' ने किशोर कुमार संगीत की दुनिया का बेताज बादशाह बनाया. इस फिल्म के लिए 'मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू' और 'रूप तेरा मस्ताना' जैसे रोमांटिक गानों ने किशोर को लोगों के दिलों का राजा बना दिया. 'रूप तेरा मस्ताना' के लिये किशोर कुमार को बतौर गायक पहला फिल्म फेयर हासिल हुआ. 

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इंदिरा गांधी को किया खफा
कहते हैं कि किशोर कुमार को इंदिरा गांधी का प्रोपेगेंडा संभालने वाले विद्या चरण शुक्ला की ओर से फोन गया. फोन करने वाले ने किशोर को ऑफर दिया था कि वे इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के 20 सूत्री प्रोग्राम के लिए बनाए गाने को अपनी आवाज दें. किशोर ने पूछा कि वो इस गाने को क्यों गाएं तो फोन करने वाले ने कहा कि ये सूचना और प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला का आदेश है. आदेश सुनते ही किशोर कुमार भड़क गए और उन्होंने फोन करने वाले को डपट कर बोला- पागल सा... चल भाग. 

जिसके बाद इंदिरा गांधी ने किशोर कुमार के गानों पर बैन लगा दिया गया था. यही नहीं किशोर कुमार के गानों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स की बिक्री भी प्रतिबंधित कर दी गई थी.

बता दें कि वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जायेंगे. लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था. उन्हें 13 अक्टूबर 1987 को दिल का दौरा पड़ा और वह इस दुनिया को अलविदा कह गये.

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