Srikanth First Look: राजकुमार राव दिव्यांग बिजनेसमैन श्रीकांत बोला की बायोपिक 'श्रीकांत' के लिए तैयार है. राजकुमार राव फिल्म में श्रीकांत बोला का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म का पहला लुक सामने आ गया है, जिसमें राजकुमार राव दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं. राजकुमार राव का पहला ही लुक काफी दमदार लग रहा है.
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Srikanth First Look: राजकुमार राव (Rajkummar Rao) की अपकमिंग फिल्म 'श्रीकांत' का पहला लुक सामने आ गया है. दिव्यांग बिजनेसमैन श्रीकांत बोला की बायोपिक में राजकुमार मुख्य भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं. फिल्म 10 मई को सिनेमाघरों में दर्शकों के सामने होगी. इस फिल्म में राजकुमार राव के अलावा ज्योतिका, अलाया एफ और शरद केलकर जैसे एक्टर्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे. फिल्म के पहले ही लुक में राजकुमार राव ने फैन्स को इंप्रेस कर दिया है.
फिल्म के फर्स्ट लुक में राजकुमार राव (Rajkummar Rao) एक सड़क पर भागते हुए नजर आ रहे हैं और फिनिशिंग लाइन पर रिब्बन को छूकर आगे निकल जाते हैं, जिसके बाद स्क्रीन पर फिल्म 'श्रीकांत' (Srikanth) की रिलीज की तारीख लिखी हुई आती है. राजकुमार राव ने फिल्म के फर्स्ट लुक का वीडियो अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया है. यह फिल्म दिव्यांग बिजनेसमैन श्रीकांत बोला की बायोपिक है.
'आप सबका नजरिया बदलने आ रहा है श्रीकांत'
'श्रीकांत' के पहले लुक को फैन्स के साथ साझा करते हुए राजकुमार राव ने कैप्शन में लिखा है, ''एक जर्नी जो आपको अपनी आंखें खोलने के लिए प्रेरित करेगी! आप सबका नजरिया बदलने आ रहा है श्रीकांत. सिनेमाघरों में आ रही 10 मई 2024.'' इस फिल्म में अभिनय कर रही एक्ट्रेस अलाया एफ ने भी इसी कैप्शन के साथ वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर किया है.
कौन हैं श्रीकांत बोला?
श्रीकांत बोला एक भारतीय बिजनेसमैन और बोलैंट इंडस्ट्रीज के फाउंडर हैं. यह संगठन दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार देता है, जो इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाता है. 1992 में भारत के हैदराबाद के पास एक छोटे से गांव में जन्मे दृष्टिबाधित श्रीकांत का जीवन एक प्रेरणादायक सफर रहा है. ऐसे समाज में जहां किसी भी शारीरिक कमी को अक्सर एक अभिशाप के रूप में देखा जाता था, किसानों के परिवार में पैदा होने के बावजूद श्रीकांत ने अपनी कमजोरी को खुद पर कभी हावी नहीं होने दिया.
एजुकेशन सिस्टम से भी लड़ी लड़ाई
मुख्यधारा के एजुकेशन सिस्टम में मिले भेदभाव और बहिष्कार का सामना करते हुए उन्होंने शिक्षा के अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी और अंततः संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अध्ययन करने वाले पहले इंटरनेशनल दृष्टिबाधित छात्र बन गए.