FILM REVIEW: 80-90 दशक की फिल्म की याद दिलाती है राजीव खंडेलवाल की 'प्रणाम'
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FILM REVIEW: 80-90 दशक की फिल्म की याद दिलाती है राजीव खंडेलवाल की 'प्रणाम'

फिल्म आपको एंटरटेन करती नजर आती है और यदि आपको भ्रष्टाचार पर आधारित एक्शन फिल्में पसंद हैं तो ये फिल्म आपके लिए है.

राजीव खंडेलवाल की फिल्म 'प्रणाम' आज (9 अगस्त) रिलीज हो गई है (फोटो साभारः वीडियो ग्रैब, यूट्यूब)

नई दिल्ली: टीवी और बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले राजीव खंडेलवाल की फिल्म 'प्रणाम' आज (9 अगस्त) रिलीज हो गई है. फिल्म का क्लेवर 80-90 के दशक  की कल्ट फिल्मों के जैसा है और अगर आप उन फिल्मों के फैन हैं, तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी और कई जगहों पर ताली बजाने का मौका भी देगी. जैसा कि हमने पहले कहा कि 80-90 दशक की फिल्म की याद दिलाती है 'प्रणाम'. फिल्म की शुरुआत होती है फ्लैशबैक से सबसे पहले फिल्म की मुख्य कलाकार यानी कि राजीव खंडेलवाल जिनका नाम अजय सिंह है. उनके सीने में गोली लगी हुई है, लड़खड़ाते हुए कदमों से वह चले जा रहे हैं और एसे मे उन्हें फ्लैशबैक में कुछ सीन दिखाई दे रहे हैं और वहीं से समझ आ जाता है कि फिल्म में कई एलिमेंट्स ऐसे हैं जो कि लोगों को बांधकर रखेंगे. 

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(फोटो साभारः वीडियो ग्रैब, यूट्यूब)

फिल्म सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए ही नहीं है, बल्कि कई जगहों पर नव युवकों को प्रेरित भी करेगी. एक ऐसी कहानी जहां पर एक पियून की नौकरी करने वाले पिता का बेटा मेहनत करते हुए क्या आईएएस ऑफिसर बन पाता है या फिर भ्रष्टाचार का शिकार बन जाता है, यह देखना काफी दिलचस्प होगा. अजय सिंह एक जवान लड़का है जिसका सपना है आईएएस अफसर बनना और बुढ़ा बाप पियून की नौकरी करते हुए मेहनत करता है. पैसे जुटा कर बेटे को अफसर बनाना देखना चाहता है, लेकिन समाज मे व्याप्त भ्रष्टाचार उससे ऐसा करने से तब रोक देता है, जब ज्ञानू सिंह यानी अभिमन्यु सिंह उसके जिंदगी मे आता है, जिसके बाद अजय सिंह की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आते हैं और अपने हाथ खून से रंगने पड़ते है और अपनों को खोना भी पड़ता है. 

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(फोटो साभारः वीडियो ग्रैब, यूट्यूब)

फिल्म के डायरेक्शन की बात करें तो गहराई दिखी है. संजीव जायसवाल ने निर्देशन की बागडोर काफी अच्छे से संभाली है, जबरदस्त डायलॉग्स फिल्म को चार चांद लगाने में कामयाब रहे है. वहीं, मंझे हुए कलाकारों और उनके किरदारों न्याय करने की पूरी कोशिश की है. अजय सिंह के किरदार में राजीव खंडेलवाल ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. उत्तर प्रदेश के गरीब लड़के का किरदार बखूबी निभाया है. वहीं, एक्ट्रेस समीक्षा राजीव की एक्टिंग के सामने थोड़ी सी फीकी लगती हैं. अतुल कुलकर्णी इंस्पेक्टर राजपाल सिंह के किरदार मे खूब जचे हैं. वह जब-जब स्क्रीन पर आते है, चौका देते हैं. उन्होंने एक भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर का रोल अदा किया है. 

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(फोटो साभारः वीडियो ग्रैब, यूट्यूब)

अभिमन्यु सिंह ने ज्ञानू सिंह का रोल किया है, जो कॉलेज का छात्र संघ का नेता है. उनमें वही एटीट्यूट झलकता है जो अभिमन्यु सिंह की प्रेजेंस में हमें हार्डकोर उत्तर भारतीय छात्र संघ के नेता की झलक दिखाती है. जो पेपर लीक करवाता है, क्रिमिनल है... हर एक कैरेक्टर एक दूसरे से इस कदर जुड़ा हुआ है कि सभी की उपस्थिति फिल्म की कहानी को एक साथ आगे बढ़ाती है. फिल्म की कहानी तेजी से बढ़ती है. फिल्म में हल्के गाने रखे गए हैं, लेकिन फिल्म का म्यूजिक थोड़ा कमजोर नजर आता है, क्योंकि एक्शन फिल्मों में अक्सर सुपरहिट म्यूजिक उभरकर सामने आता है. म्यूजिक पर और अच्छा काम किया जा सकता था. फिल्म 'प्रणाम' की कहानी प्रासंगिक है जिसे आदमी खुद को जुड़ा हुआ पायेगा और कलाकारों का प्रदर्शन आपको सीट से हिलने नहीं देगा. कुछ कमियां जरूर है, लेकिन फिल्म आपको एंटरटेन करती नजर आती है और यदि आपको भ्रष्टाचार पर आधारित एक्शन फिल्में पसंद हैं तो ये फिल्म आपके लिए है.

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