पंद्रह साल पहले 25 मई 2015 के दिन सुनील दत्त (Sunil Dutt) का हार्ट अटैक से देहांत हो गया. उस समय 75 साल के दत्त साहब पूरी तरह एक्टिव थे. आइए उनकी पुण्यतिथी के लिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी खास बातें...
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नई दिल्ली: सुनील दत्त को आज की जनरेशन संजय दत्त (Sanjay Dutt) के पिता और पॉलिटीशियन के तौर पर जानती है. सुनील दत्त (Sunil Dutt) की जिंदगी के शुरुआती दिन कुछ कम एडवेंचरस नहीं थे. आज के दिन उनको याद करने ये पांच कारण साबित करेंगे कि वे कितनी बहुमुखी प्रतिभा से युक्त थे:
1. बलराज दत्त की परवरिश झेलम नदी के किनारे हुई. बचपन में बलराज गजब के शरारती थे और पढ़ाई में खूब जहीन. दरअसल उनका इरादा बड़े हो कर कुछ अलग सा काम करना था. वे पत्रकार बनना चाहते थे. वे अपने आसपास लोगों से खूब बतियाते, तब उन्हें इस बात का भी अहसास हुआ कि उनकी आवाज काफी बुलंद और अच्छी है.
2. उनका परिवार भी हिंदुस्तान-पाकिस्तान बंटवारे की चपेट में आया. उस समय सुनील दत्त मात्र अठारह साल के थे. अगर उनकी जिंदगी में जैकब नाम का मुस्लिम शख्स ना आया होता, तो वे पार्टीशन की भेंट चढ़ जाते. जैकब और उनके परिवार ने सुनील दत्त की पूरी फैमिली की जिंदगी बचाई. यहीं से उन्हें यह सबक भी मिला कि जरूरत पड़ने पर अपनी जान जोखिम में डाल कर दूसरों की जान बचानी चाहिए.
3. पाकिस्तान से सुनील दत्त का परिवार सीधे लखनऊ आ गया. वहां पर कुछ सालों तक रहने के बाद सुनील दत्त मुंबई आ गए कॉलेज की पढ़ाई करने. जयहिंद कॉलेज में ग्रेजुएशन करते समय गुजारे के लिए वो बेस्ट बस में क्लर्क की नौकरी करने लगे. ग्रेजुएशन के बाद उन्हें रेडिया सिलोन में उद्घोषक की नौकरी मिल गई. सुनील दत्त को लगा कि उन्हें उनका ड्रीम जॉब मिल गया है.
4. स्वभाव से बेहद मृदु और संजीदा सुनील दत्त उस समय की टॉप नायिका नरगिस के मुरीद थे और उनकी सारी फिल्में बिना नागा कई-कई बार देखते थे. जिस समय सुनील दत्त रेडिया सिलोन में काम करते थे, नरगिस इंटरव्यू के लिए आईं. सुनील दत्त पहली बार नरगिस को यूं सामने से देख कर इतना नर्वस हुए कि उनके मुंह से बोल ही नहीं फूटा और वो इंटरव्यू कैंसल करना पड़ा. बाद में सुनील दत्त खुद भी एक्टर बन गए. शादी के बाद नरगिस अकसर उन दिनों की याद दिला कर हंसती थीं.
5. मदर इंडिया के सेट पर लगी आग से सुनील दत्त से नरगिस की जान बचाई थी. आग में कूदने की दो वजहें थी, एक तो सुनील दत्त ने यह ठान रखा था कि वे जिस तरह एक वक्त पर जैकब ने उनकी जान बचाई, वो भी किसी की जान बचाने से पीछे नहीं हटेंगे. इसके अलावा सुनील दत्त के मन में नरगिस के लिए सम्मान के अलवा प्यार भी था. जो वे कभी कह नहीं पाए थे. इस घटना के बाद नरगिस की मां सुनील दत्त से मिलने आईं अपनी बेटी का हाथ देने. सुनील दत्त ने अपने इंटरव्यू में कहा था, उन्हें बस एक ही मलाल है कि नरगिस के साथ वे लंबे समय तक साथ नहीं रह पाए. ना नरगिस से पहले और ना बाद में उनकी जिंदगी में कोई दूसरी औरत नहीं आई.