संतोषी ने जब 'घायल' की पटकथा लिखी थी, तो उनके जहन में साउथ के सुपरस्टार कमल हासन थे.
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नई दिल्ली: राजकुमार संतोषी (Rajkumar Santoshi) को फिल्म 'घायल (Ghayal)' बनाने में बहुत पापड़ बेलने पड़े थे. उनकी इस फिल्म को लंबे समय तक प्रोड्यूसर ही नहीं मिला. मिला तो उसने अपनी शर्त रख दी. दरअसल, संतोषी ने जब 'घायल' की पटकथा लिखी थी, तो उनके जहन में साउथ के सुपरस्टार कमल हासन थे. संतोषी कमल हासन से इस फिल्म के लिए औपचारिक बात भी कर चुके थे. पर दिक्कत थी प्रोड्यूसर की. उस समय कोई भी प्रोड्यूसर कमल हासन पर इतना बड़ा दांव नहीं खेलना चाहता था. फिर सामने आए मिथुन चक्रवर्ती. संतोषी उस समय भी प्रोड्यूसर जुटा नहीं पाए. आखिरकार, उन्हें एक प्रोड्यूसर मिला, लेकिन उसने कहा कि अगर संजय दत्त इस रोल में काम करने को मान जाएं तो वे फिल्म में पैसा लगाएंगे. संतोषी संजय दत्त से मिलने पहुंचे. संजय दत्त को फिल्म की कहानी पसंद नहीं आई और उन्होंने डेट्स की प्रॉब्लम बता कर इसे टाल दिया.
दुखी हो गए थे संतोषी
अपनी पहली फिल्म का यह हश्र देखकर संतोषी निराश हो चले थे. किसी ने उन्हें सनी देओल का नाम सुझाया. संतोषी को लगा, सनी इस फिल्म के लिए सही नहीं हैं. इसमें भी काफी वक्त निकल गया. आखिर एक दिन उनकी मुलाकात एक फंक्शन में सनी से हो गई. बातों-बातों में संतोषी ने सनी को घायल की कहानी सुनाई. सनी एक्साइटेड होकर बोले, कल मेरे ऑफिस आइए. मुझे कहानी में दम नजर आ रहा है. संतोषी अगले दिन सनी देओल के ऑफिस विजयता प्रोडक्शन पहुंचे. वहां धर्मेंद्र भी उनका इंतजार कर रहे थे. धर्मेंद्र ने नरेशन सुनने के बाद तुरंत कह दिया, यह फिल्म हम प्रोड्यूस करेंगे और सनी इसके हीरो होंगे. आप हीरोइन लेकर आइए.
सनी चाहते थे डिंपल का साथ
सनी ने मन बना लिया था कि हीरोइन का रोल डिंपल कपाड़िया निभाएंगी. उन्होंने संतोषी से कहा कि वे डिंपल को साइन कर लें. जब यह बात धर्म जी को पता चली तो वे अड़ गए कि हीरोइन किसी और को बनाओ. आखिरकार संतोषी ने मीनाक्षी शेषाद्रि का नाम सुझाया और बात फाइनल हो गई.
बनने में लग गया बहुत वक्त
संतोषी ने इस फिल्म का काम साल 1988 में शुरू कर दिया था. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कई बार धर्मेंद्र भी नजर आ जाते. धर्मेंद्र शूटिंग की धीमी गति को लेकर अक्सर परेशान से दिखते. अपने पैसे को पानी की तरह बहता देख भी उन्हें परेशानी होती थी. उन्हें पता था जिस फिल्म को बनाने में ज्यादा वक्त लग जाता है, वो अक्सर बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रहती.
संतोषी को इस फिल्म को बनाने में पूरे ढाई साल लग गए. बीच में सनी देओल को कई बार ऐसा भी लगा कि संतोषी जानबूझ कर फिल्म को लंबा खींच रहे हैं. पर संतोषी की यह पहली फिल्म थी और वो अपने काम को लेकर डरे हुए थे. 'घायल' आई और खूब कामयाब रही. संतोषी एक कामयाब निर्देशक बन गए और सनी के करियर को भी नया मुकाम मिल गया.
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