चिल्ड्रन डे 2024: बच्चों के लिए बेस्ट हैं ये हिंदी फिल्में, एक-एक सीन देता है नन्हे मुन्नों को जिंदगी की सीख
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चिल्ड्रन डे 2024: बच्चों के लिए बेस्ट हैं ये हिंदी फिल्में, एक-एक सीन देता है नन्हे मुन्नों को जिंदगी की सीख

चिल्ड्रन डे के मौके पर चलिए आपको बॉलीवुड की पांच बेस्ट फिल्मों से रूबरू करवाते हैं जिन्हें जरूर बच्चों को दिखानी चाहिए. चलिए बताते हैं बच्चों के लिए बेस्ट मूवीज. इस लिस्ट में 'तारे जमीन पर', 'आई एम कलाम', 'बम बम बोले', 'स्टेनली का डब्बा', 'धनक' के साथ 'इकबाल' समेत कई फिल्में शामिल हैं.

 

बच्चों के लिए बेस्ट हैं ये हिंदी फिल्में, एक-एक सीन देता है नन्हे मुन्नों को जिंदगी की सीख

“नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है....” बच्चों पर कई कमाल की फिल्में बन चुकी हैं, जिसमें कम उम्र के बड़ों ने तकदीर को अपनी मुट्ठी में कैद कर लिया. आज बाल दिवस के मौके पर अपने बच्चों को शानदार कहानी और कलाकारों से लिपटी फिल्में आपने अभी तक नहीं दिखाई है तो आज दिखा डालिए. चलिए बताते हैं बच्चों के लिए बेस्ट मूवीज. इस लिस्ट में 'तारे जमीन पर', 'आई एम कलाम', 'बम बम बोले', 'स्टेनली का डब्बा', 'धनक' के साथ 'इकबाल' समेत कई फिल्में शामिल हैं.

आई एम कलाम 
'किस्मत कुछ नहीं होती सब कर्म होता है...कलाम बोले हैं'- बड़ी मासूमियत से एक बच्चा ये बोलता है और उसी मासूम अंदाज पर केंद्रित है फिल्म आई एम कलाम. फिल्म का नील माधव पंडा ने निर्देशन किया है और स्माइल फाउंडेशन ने इसका निर्माण किया है. जो 2011 में रिलीज हुई थी. कहानी एक गरीब राजस्थानी लड़के छोटू के इर्द गिर्द घूमती है. जिसकी प्रेरणा पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम हैं. फिल्म को काफी पसंद किया गया. हर्ष मायर, हसन साद, गुलशन ग्रोवर अहम रोल में थे.

धनक
सब कुछ सुंदर है डायलॉग इस फिल्म की जान है. जिसका निर्देशन नागेश कुकुनूर ने किया है. इसका निर्माण मनीष मूंदड़ा, नागेश कुकुनूर और एलाहे हिप्तूला ने किया है. फिल्म में "दमा दम मस्त कलंदर" समेत कई गानें नए अंदाज में हैं. साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म में दो भाई-बहनों के अनूठी प्रेम कहानी को खूबसूरती से दिखाया गया है.

इकबाल
विपुल कश्मीर रावल द्वारा लिखित और नागेश कुकनूर इकबाल द्वारा निर्देशित इकबाल एक देखने सुनने में असमर्थ लड़के के जज्बे की दास्तां बयां करती है, जो भारत के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखता है. फिल्म में श्रेयस तलपड़े और नसीरुद्दीन शाह के साथ अन्य सितारों ने शानदार प्रदर्शन किया.

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गोरू
यह एक चरवाहे पोते की कहानी है कि वह किन परिस्थितियों से निकलकर अपनी दादी की अंतिम इच्छा को पूरा करता है, जो शादी के बाद कभी अपने पैतृक गांव नहीं गई. फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई थी, जिसमें ईला अरुण, ऋत्विक सोहारे के साथ नंदराम आनंदइला अरुणअशोक बांठिया समेत अन्य कमाल के कलाकार हैं.

एजेंसी: इनपुट

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