मनोज मुंतशिर के चेहरे पर इस शख्स ने कर दिया था टॉयलेट, मुंह भी नहीं धोया और करने लगे ये काम
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मनोज मुंतशिर के चेहरे पर इस शख्स ने कर दिया था टॉयलेट, मुंह भी नहीं धोया और करने लगे ये काम

मशहूर गीतकार और स्क्रीन राइटर मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) को आज कौन नहीं जानता है. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के कई सुपरहिट गाने लिखे हैं. मनोज (Manoj Muntashir) के लिखे गाने 'तेरी मिट्टी' (Teri Mitti) को बहुत पसंद किया गया. 

मनोज मुंतशिर

नई दिल्ली: मशहूर गीतकार और स्क्रीन राइटर मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) को आज कौन नहीं जानता है. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के कई सुपरहिट गाने लिखे हैं. मनोज (Manoj Muntashir) के लिखे गाने तेरी मिट्टी (Teri Mitti) को बहुत पसंद किया गया. इस गाने को सुनकर जेहन को अलग ही सुकून मिलता है. हालांकि, मनोज (Manoj Muntashir) को फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. एक इंटरव्यू के दौरान मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताया, जिसे जानकर किसी के भी आंखों में आंसू आ जाएंगे. 

  1. मुंबई में मनोज मुंतशिर के संघर्ष की कहानी
  2. फुटपाथ पर गुजारे कई रातें 
  3. भिखारियों के बगल में सोया करते थे मनोज

फुटपाथ पर सोते थे मनोज मुंतशिर
मनोज (Manoj Muntashir) ने बताया, 'जब मैं मुंबई आया था तो मेरे सिर पर छत नहीं थी. मैं फुटपाथ पर सोया करता था. फुटपाथ पर रहने वाले भिखारियों और पानीपुरी के ठेले चलाने वालों से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी. मैं फुटपाथ पर उनके साथ सोया करता था. वे लोग मुझे बहुत मानते थे. अच्छी बात यह है कि मैं फुटपाथ पर कभी भूखा नहीं सोया.'

मनोज के चेहरे पर किसी ने कर दिया था पेशाब 
इंटरव्यू के दौरान मनोज (Manoj Muntashir) से पूछा गया कि कभी कोई ऐसी घटना हुई थी, जिसके बाद उन्होंने मुंबई छोड़कर अपने घर जाने का फैसला किया था? इस पर मनोज ने बताया, 'हां, एक ऐसा वक्त आया था. एक साहब मेरे गांव से मुंबई आए थे. मैं उनके साथ एक चॉल में रहा करता था. वह बहुत बड़े शराबी थे. वह अक्सर रात को शराब पीकर आया करते थे. एक दिन की बात है जब मैं सो रहा था. सोते-सोते रात तो करीब 2 से 3 बजे के आसपास मुझे अपने चेहरे पर बहुत गर्म सा महसूस हुआ. ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे चेहर पर गर्म पानी डाल दिया है. जब मेरी नींद खुली तो मैं देखता हूं वो साहब मेरे चेहरे पर पेशाब कर रहे थे. 

फूट-फूटकर रोए थे मनोज मुंतशिर
मनोज ने (Manoj Muntashir) आगे बताया, 'मैं उठा और रोने लगा. सोचने लगा कि मैंने ऐसा क्या कर दिया है जिंदगी में कि मैं ये डिजर्व करता हूं कि कोई मेरे चेहरे पर पेशाब करे. मैंने अपना चेहरा नहीं धोया बल्कि सोचना लगा कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है. मैंने सोचा कि सुबह होते ही मैं यहां से चला जाऊंगा. ये शहर मेरे ऊपर पेशाब कर रहा है. मैं अच्छे घर का लड़का हूं. ठीक-ठाक जिंदगी जी है. घर पर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है. मैं उस दिन टूट गया था और तय कर लिया था कि सुबह की ट्रेन पकड़कर वापस जाना है. जब सुबह हुई तो मैं घर छोड़कर वापस फुटपाथ पर आ गया. मुझे फुटपाथ पर वापस वे सभी लोग मिले, जिन्हें छोड़कर मैं गया था. मुझे वहां पर लगा कि ये मुंबई बहुत अच्छी है. इसके बाद मैंने घर वापस जाने का फैसला छोड़ दिया. मैंने फिर कभी हार नहीं मानी और धीरे-धीरे सफलता की तरफ बढ़ता गया.'

मनोज के लिखे मशहूर गाने
बता दें कि मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने 'तेरे संग यारा' (Tere Sang Yaara), 'गलियां' (Galliyan), 'दिल मेरी न सुने' (Dil Meri Na Sune), 'कौन तुझे' (Kaun Tujhe), 'फिर भी तुमको चाहूंगा' (Phir Bhi Tumko Chaahunga) और 'तेरी मिट्टी' (Teri Mitti) जैसे गानों को लिखा है. 

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