Jhansi Medical College-Delhi baby care hospital fire: झांसी में मेडिकल कॉलेज के NICU में आग लगने से 10 नवजात की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है. बच्चों के परिवारवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. कई बच्चे अभी भी जिंदगी मौत से जंग लड़ रहे हैं. यह कोई पहली घटना नहीं है, करीब 174 दिन पहले दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में आग लगने से सात नवजातों की मौत हो गई थी.
Trending Photos
Jhansi Medical College Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई. इस दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर दिया है. झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में मौके पर मौजूद अधिकारियों के तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) के एक हिस्से में संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गयी. जिसमें दस बच्चों की मौत हो गई.
174 दिन पहले दिल्ली में भी इस तरह के हादसे
NICU के बाहर जितने बच्चे थे उन्हें बचा लिया गया लेकिन अंदर वाले हिस्से से 10 बच्चों के मारे जाने की सूचना मिली है. यह यूपी में ही इस तरह की घटना नहीं है, इससे करीब 174 दिन पहले दिल्ली में भी इस तरह की घटना हो चुकी है, जब दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई थी. अगर इन घटनाओं से सबक लिया गया होता तो शायद आज झांसी में कुछ हालात और होते. आइए जानते हैं जानें पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में 26 मई के हादसे के बारे में.
बेबी केयर सेंटर में आग से झुलसकर 7 नवजात की मौत
26 मई 2024 को पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में एक शिशु देखभाल केंद्र (Baby Care Centre) में भीषण आग लगने से 7 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई थी. 25 मई को 12 बच्चों को देर रात रेस्क्यू कराया गया था.उसमें से अस्पताल मे इलाज के दौरान 7 बच्चों की मौत हो गई थी.
120 गज की बिल्डिंग में बना था बेबी केयर सेंटर
दिल्ली फायर विभाग के मुताबिक, बेबी केयर सेंटर 120 गज की बिल्डिंग में बना था. फर्स्ट फ्लोर से 12 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया था जिसमें से 7 बच्चों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
चश्मदीदों ने क्या कहा था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मदीदों का कहना था कि ब्लास्ट की तेज आवाज के साथ आग लगी थी. ऐसे में आशंका थी कि सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से आग लगी. बताया गया था कि अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ऑक्सीजन रिफिलिंग का काम होता है. ऑक्सीजन रिफिलिंग के दौरान सिलेंडर ब्लास्ट हो गया था. एक के बाद एक तीन सिलेंडर में ब्लास्ट हुए. जिसकी वजह से पहले अस्पताल में आग लग गई और उसके बाद बगल की बिल्डिंग में भी आग पहुंच गई थी.
झांसी में झुलसे बच्चों का इलाज हो रहा है?
उधर जिलाधिकारी ने कहा कि बचाव कार्य जारी है, अग्निशमन दल और राहत-बचाव टीम द्वारा कई बच्चों को बचा लिया गया. उन्होंने कहा कि झुलसे बच्चों का उपचार जारी है और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी सूचना एकत्र की जा रही है. उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए एक समिति मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में बनाई गयी है.