Vidya Balan: एक्ट्रेस विद्या बालन ने सिल्क स्मिता की बायोपिक 'द डर्टी पिक्चर' के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि करियर की शुरआत में विद्या बालन को 'मनहूस' का टैग दे दिया गया था और उन्हें तकरीबन दर्जन भर फिल्मों से बाहर कर दिया गया था.
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Vidya Balan: एक सेलिब्रिटी बनना आसान नहीं है. एक फ्लॉप के बाद दर्शक और फैन्स आपको सिरे से नकार सकते हैं. भले ही आपने अपनी अभिनय क्षमता साबित कर दी हो, लेकिन फ्लॉप आपको जीरो पर ला सकता है. बॉलीवुड की सबसे प्रतिभाशाली और टैलेंटिड एक्ट्रेस में से एक को उनके करियर की शुरुआत में 'मनहूस' माना जाता था. जिस एक्ट्रेस की बात हो रही है, उनका नाम विद्या बालन है. 'द डर्टी पिक्चर', 'कहानी' से लेकर 'भूल भुलैया तक' विद्या बालन ने दिखाया है कि वह इंडस्ट्री की बेहतरीन प्रतिभाओं में से एक हैं. उनका अभिनय स्वाभाविक, सहज और शानदार है. अपने करियर की शुरुआत में मोहनलाल के साथ उनकी फिल्म बंद होने के बाद विद्या बालन को 'अनलकी और मनहूस' करार दिया गया था.
जर्नलिस्ट फाए डिसूजा के साथ एक पुराने इंटरव्यू में विद्या बालन (Vidya Balan) ने अपने चैलेंजिंग पीरियड के बारे में बात की. उन्हें संघर्ष के दिनों में कई दिल तोड़ने वाले अनभुन हुए. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने शुरुआत में उन्हें फिल्मों के लिए साइन किया था, उन्होंने बिना उन्हें बताए उन्हें रिप्लेस करना शुरू कर दिया.
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दो मलयालम फिल्में बंद होने के बाद मिला 'मनहूस' का टैग
विद्या बालन की दो मलयालम फिल्में बंद हो गई थीं, जिसके बाद इंडस्ट्री में लोगों को विश्वास हो गया था कि वह 'मनहूस' हैं. उन्होंने बताया, ''ऐसी लगभग एक दर्जन फिल्में थीं, जिनमें मुझे रिप्लेस कर दिया गया था.'' इसके अलावा एक तमिल निर्माता ने उनकी कुंडली भी जांची और निष्कर्ष निकाला कि 'वह मनहूस थी.'
बंगाली फिल्म के साथ किया था फिल्मी डेब्यू
बता दें कि विद्या बालन ने अपना फिल्मी डेब्यू बंगाली फिल्म 'भालो थेको' से किया था, जिसे गौतम हल्दर ने डायरेक्ट किया था. उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का 'आनंदलोक अवॉर्ड' भी मिला. इसके बाद ही उन्हें पहली हिंदी फिल्म 'परिणीता' मिली. इसके बाद ऑफर आने लगे. उनका बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक सिल्क स्मिता की बायोपिक 'द डर्टी पिक्चर' में था, जिसने उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिलाया था.