Jug Jugg Jeeyo 2022: फिल्म इमोशन और कॉमेडी के पहियों पर बढ़ती है, लेकिन बीच-बीच में इनकी हवा निकलती रहती है. रोमांस फिल्म में है नहीं क्यों पति-पत्नी बने वरुण धवन-कियारा आडवाणी हमेशा लड़ते रहते हैं. अनिल कपूर-नीतू सिंह के बीच यहां ऐसी कोई गुंजाइश थी नहीं.
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Bollywood film 2022: भारत में बीते दो दशक में तलाक की रफ्तार बढ़ी है लेकिन 2016 में आई बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यहां तलाक की दर दुनिया में सबसे कम है. ग्लोबल डिवोर्स इंडेक्स के मुताबिक भारत में हजार शादियों में से मात्र 13 में तलाक होते हैं. यह एक फीसदी से भी कम है. लेकिन वायकॉम 18 और धर्मा प्रोडक्शंस की सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म जुग जुग जीयो में असली समस्या तलाक है. हीरो-हीरोइन एक-दूसरे से तलाक चाहते हैं. हीरो का पिता भी बीवी से तलाक चाहता है. फिर मां एक कदम आगे बढ़ कर पति को तलाक देती है. हीरो की बहन परिवार में चल रहे इस तलाक-ड्रामे से कनफ्यूज है कि शादी करे या न करे. जबकि घर में उसकी ही शादी की तैयारियां हो रही हैं.
पापा का अफेयर
ऐसा नहीं कि तलाक की कहानी में ड्रामा-इमोशन-मैसेज नहीं हो सकते. लेकिन पहले पता तो चले कि तलाक किस मुद्दे पर हो रहा है. निर्देशक राज मेहता की लीड जोड़ी कुकु (वरुण धवन) और नैना (कियारा आडवाणी) कनाडा में रहती है. शादी को पांच साल हो गए हैं. पति बार में बाउंसर है. पत्नी किसी कंपनी में एचआर की बड़ी पोस्ट पर है. उसे प्रमोशन मिल रहा है और इसके लिए न्यूयॉर्क जाना पड़ेगा. पति-पत्नी की गृहस्थी पटरी उतरी हुई है. वे ठीक से बातचीत तक नहीं करते और एक-दूसरे से तलाक चाहते हैं. इस बीच कुकु की बहन की शादी निकल आई है. दोनों पंजाब लौटते हैं. तय करते हैं कि शादी होने तक किसी को कुछ नहीं बताएंगे. लेकिन यहां आने पर कुकु को पता चलता है कि उसके पिता भीम (अनिल कपूर) उसकी मां गीता (नीतू सिंह) से तलाक लेना चाहते हैं क्योंकि उनका किसी और से अफेयर है. अब हीरो मां-बाप का तलाक को होने से रोके या अपना तलाक बचाए.
देखें जुग जुग जीयो का ट्रेलर
क्या हुआ द एंड
जुग जुग जीयो कॉमेडी और इमोशन को मिक्स करने की कोशिश करती है. दोनों थोड़े-थोड़े हिस्से में असर दिखाते हैं लेकिन कुल मिला कर बात नहीं बनती. फिल्म की पटकथा में कहीं साफ नहीं है कि कुकु-नैना के बीच असली समस्या क्या है. ले-देकर काम की बात आती है कि नैना के लिए कुकु घर और देश छोड़ कनाडा गया. नैना कहती है कि मैं भी हम दोनों के लिए कमा रही हूं. बात गले नहीं उतरती. इसी तरह भीम का तर्क है पैंतीस साल की शादी के बाद पत्नी में रोमांस नहीं बचा. फिल्म का क्लाइमेक्स हास्यास्पद है. कोर्ट में कुकू तलाक के कागज साइन करने से ठीक पहले नैना से माफी मांग कर उसे मना लेता है. जबकि भीम और गीता को जज छह महीने देते हैं कि हो सके तो मामला सैटल कर लें. अंत में आपको पता नहीं चलता कि भीम और गीता का क्या हुआ. यहां स्क्रिप्ट में उतार-चढ़ाव हैं, लेकिन सहजता नहीं है. एडिनशल स्क्रीन-प्ले अलग दिखता है. कहानी कभी कुकु-नैना को दिखाती है, कभी भीम पर फोकस होती है. वास्तव में अनिल कपूर का किरदार ही आपको हंसाता है. लेकिन भीम की बातें स्पष्ट नहीं है. एक तरफ वह दिलफेंक दिखता है, कुकु की टीचर से रोमांस करता है, दूसरी तरफ कहता है कि मैंने गीता के अलावा किसी को छुआ नहीं. शुरू से बिल्कुल घरेलू दिखतीं गीता का ट्रेक अचानक बदलता है. वह भीम की गर्लफ्रेंड से मिलती है. यह सीन असर नहीं पैदा कर पाता.
ग्लैमरस कियारा
हिस्सों में थोड़ा-बहुत एंटरटेन करने वाली यह फिल्म आम दर्शकों के लिए नहीं है. पहला हिस्सा बोर करता है, जबकि दूसरे थोड़ी रफ्तार है. अनिल कपूर की कॉमेडी छोड़ दें तो इसमें कुछ खास नहीं बचता. कुछ दृश्य जरूर इमोशन पैदा करते हैं. वरुण धवन के करिअर में संभवतः यह अब तक का सबसे कमजोर किरदार है, जिसमें किसी भी स्तर पर उनमें हीरो वाली बात नहीं है. लुक भी वैसा नहीं है. यह अलग बात है कि उन्होंने निर्देशक के मुताबिक इसे निभाने में कसर बाकी नहीं रखी. कियारा आडवाणी ग्लैमसर लगी हैं. लेकिन नैना के किरदार को स्क्रिप्ट में ठीक से दर्ज नहीं किया गया. नीतू सिंह ने अपना काम ठीक निभाया है. राइटरों ने फिल्म में इतना फैमिनिज्म डाला है कि कियारा और नीतू के मुकाबले वरुण धवन और अनिल कपूर निकम्मे, निठल्ले, कनफ्यूज और दारूबाज लगते हैं. वैसे एक सीन यह भी है कि जब गीता भीम से तलाक लेने का मन पक्का करके अपनी शादी का चेप्टर बंद करती है, तो नैना से पूछती हैः वाईन पीयोगी? फिर सास-बहू एक मैदान में लगी बैंच पर बैठ कर वाईन पीती हैं.
खर्च में कंजूसी
फिल्म कई हिस्सों में पूरी तरह से पिता-पुत्र की कहानी बन जाती है. जिसमें अनिल कपूर वरुण पर भारी पड़ते हैं. युवाओं को फिल्म देख कर इसलिए निराशा होगी कि वरुण और कियारा के होने के बावजूद इसमें रोमांस जीरो है. दोनों हमेशा झगड़ते रहते हैं. ट्रेलर में जितना रोमांस दोनों के बीच दिखता है, उतना ही यहां है. गीत-संगीत औसत है और सेट देख कर लगता है कि करन जौहर ने फिल्म की इकोनॉमिक्स का खूब ध्यान रखा और कंजूसी से खर्च किया. ऐसे में दर्शकों को भी अपनी जेब के बारे में पहले सोचना चाहिए.
निर्देशकः राज मेहता
सितारेः वरुण धवन, कियारा आडवाणी, अनिल कपूर, नीतू सिंह, मनीष पॉल
रेटिंग **1/2
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