14 साल बाद रिलीज हुई इरफान की आखिरी फिल्म, विलेन के रूप में दिखे काफी दमदार
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14 साल बाद रिलीज हुई इरफान की आखिरी फिल्म, विलेन के रूप में दिखे काफी दमदार

बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) की एक फिल्म 14 साल बाद रिलीज हो गई है. इस फिल्म में आपको एक्टर का ऐसा अवतार देखने को मिलेगा कि आप हैरान ही रह जाएंगे.

Murder at Teesri Manzil 302

कहां देख सकते हैं: ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर

  1. इरफान खान की आखिरी फिल्म हुई रिलीज
  2. इरफान का दिखेगा अलग रूप
  3. इरफान और वाजिद के लिए देखें फिल्म

स्टार कास्ट- इरफान खान, दीपल शॉ, रणवीर शौरी, लकी अली, नौशीन सरदार

डायरेक्टर- नवनीत बाज सैनी

रेटिंग- 2.5

नई दिल्ली: इरफान खान (Irrfan Khan) की मौत के 20 महीने बाद रिलीज हुई उनकी 14 साल पुरानी मूवी ‘मर्डर एट तीसरी मंजिल 302’ का प्रीमियर जी5 पर हुआ है. ऐसे में इरफान खान के फैंस को जैसे जैसे पता चल रहा है, वो इस मूवी को देखने का मूड बना रहे हैं. लेकिन जिस इरफान को वो उनके वन लाइनर्स के लिए पसंद करते हैं, उस ‘इरफानपन’ को वो पक्का इस मूवी में मिस करेंगे, लेकिन 14 साल पुराने जवान इरफान खान का दीपल शॉ के साथ रोमांटिक गाना और किसिंग सींस देखना उनके लिए एक अलग तजुर्बा होगा. बल्कि एक पंजाबी गाना गाते हुए, नशे में खुलेआम एक लड़की से बदतमीजी करते हुए भी देखना भी.

इरफान की आखिरी फिल्म

यूं केवल इरफान के चाहने वालों के लिए ही नहीं साजिद-वाजिद की जोड़ी वाले वाजिद खान के फैंस के लिए भी ये मूवी स्पेशल है, क्योंकि वो भी अब इस दुनियां में नहीं है और इस मूवी में उनका म्यूजिक है. चूंकि मूवी अटकी पड़ी थी इसलिए दर्शकों के मन में पहले से राय बन गई है कि ये मूवी उतनी अच्छी नहीं होगी, लेकिन इस मूवी की ये खासियत है कि अच्छी या बुरी दोनों में से कोई भी तमगा इस मूवी के बारे में देने के लिए आपको इस मूवी को पूरा देखना ही होगा, लिखने का मतलब ये कि मूवी आपको बांधकर तो रखती है और चूंकि 2 घंटे की ही मूवी है तो वो उतना अखरता नहीं क्योंकि आप इरफान खान की शायद आखिरी मूवी मानकर उसे देख रहे होते हैं.

फिल्म में है सस्पेंस

कहानी बांधकर रखती है, इसका सीधा सा मतलब ये है कि ये मूवी सस्पेंस, थ्रिलर है. कहानी है बैंकॉक के एक भारतीय बिजनेसमैन अभिषेक दीवान (रणवीर शौरी) की जिसकी पत्नी माया दीवान (दीपल शॉ) का किडनेप हो जाता है. पता चलता है किडनैपर शेखर (इरफान खान) है. जो पहली किश्त के तौर पर 5 लाख डॉलर मांगता है, पुलिस ऑफिसर तेजेन्द्र (लकी अली) और उनकी असिस्टेंस (नौशीन अली सरदार) दीवान की मदद करते हैं, लेकिन शेखर जब पैसे लेकर वापस फ्लैट में पहुंचता है तो मिलती है माया दीवान की लाश.

तमाम फॉर्मूले से बनाई गई फिल्म

फिर हर सीन में कहानी बदल रही होती है, अब्बास मस्तान की फिल्मों की तरह आपको लगता है कि हर चेहरा अपने चेहरे पर एक दूसरा चेहरा लगाए बैठा है, कल को मेन विलेन कौन निकलेगा आप समझ नहीं पाते. जाहिर है ज्यादा ट्विस्ट और टर्न्स डालने के चक्कर में फिल्म कभी कभी दर्शकों से अपनी पकड़ खो देती है, लेकिन ये तय है कि 14 साल पहले ही रिलीज होती तो शायद काफी पसंद की जाती. क्योंकि वो दीपल शॉ का शॉर्ट टर्म दौर था, रणवीर शौरी और इरफान खान भी काफी जवान लग रहे हैं. यूं ये साफ लग रहा है कि ना प्रोडयूसर ने पैसे खर्च करने में कोई कंजूसी बरती है, और ना ही डायरेक्टर ने तमाम फॉर्मूले आजमाने में.

कहानी कुछ चीजें अटपटी

आपके दिमाग में इरफान खान की जो इमेज है, उसके थोड़ा उलट आप उन्हें एक रोमांटिक बंदे के रूप में देखेंगे, यूं दिव्या दत्ता और सुहासिनी मुले के साथ किसिंग सींस में देख चुके हैं, लेकिन अरसे बाद कलयुग गर्ल दीपल शॉ के साथ उन्होंने रोमांटिक और किसिंग सींस दिए हैं. बस दिमाग मत लगाइए कि ये स्टोरी थाइलैंड में ही क्यों सैट की गई, क्यों वहां हर कोई हिंदी बोलता दिखता है? क्यों पुलिस ने जिस होटल से माया दीवान गायब हुई, उसके सीसीटीवी चैक नहीं किए? क्यों इरफान खान को ही फांसा गया? क्यों बार बार इरफान खान को पकड़कर भी लकी अली और नौरीन अली सरदार उसे छोड़ते रहते हैं? क्यों ये अब रिलीज हुई है? क्यों पुलिस लम्बे अरसे तक सीन से गायब ही रहती है?

इरफान का दिखेगा अलग रूप

भले ही आपको इरफान के वनलाइनर्स और उनके बोलने का स्टाइल आपको नहीं मिलेगा, लेकिन ‘औरत बंधी हुई ज्यादा खूबसूरत लगती है.. बेबस, हैरान, परेशान, सुंदर...' जैसे कुछ डायलॉग्स आपको इरफान का एक अलग रूप में इस मूवी में दिखाएंगे. ये अलग बात है कि रणवीर शौरी और दीपल शॉ के रोल भी कम लाउड नहीं हैं. उनके फैंस को पसंद आएंगे. हालांकि कभी कभी ये ज्यादा लाउड लगता है.

इरफान और वाजिद के लिए देखें फिल्म

सिनमेटोग्राफर रवि वालिया ने शानदार तरीके से इस मूवी में थाइलैंड की खूबसूरती को कैद किया है. उस वक्त ये मूवी रिलीज होती तो शायद म्यूजिक भी पसंद किया जाता, लेकिन आज के दौर में लोगों का स्वाद और मिजाज दोनों बदली हैं और तकनीक भी, जिसके चलते इस फिल्म को लेकर भी लोगों की राय वो नहीं होगी, जो 14 साल पहले होती. लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि फिल्म के किरदारों ने ही नहीं फिल्म से जुड़े हर व्यक्ति ने मेहनत भरपूर की है. म्यूजिक का भी नई मूवीज की तरह महीनों पहले प्रमोशन होता तो शायद आप उसे गुनगुनाते. अभी तो इसे बस इरफान खान और वाजिद के लिए देखा जा सकता है, इंडस्ट्री से शायद विदा ले चुके दीपल शॉ और लकी अली के लिए भी.

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